अमावस्या माघ मेला को लेकर वाल्मीकि नगर में पहुंचा शिव भक्तों का जत्था

वाल्मीकि नगर से अभिमन्यु कुमार गुप्ता की रिपोर्ट।

सादा भोजन उच्च विचार, जैसा खाओगे अन्न, वैसा होगा मन। यह सभी कांवरिया भक्त पूर्वी चंपारण मोतिहारी जिला से 17 जनवरी से धार्मिक यात्रा पर राजा राम साह, धुप्र महतो, राजेश्वर प्रसाद, लालदेव राम आदि कांवरियों का जत्था निकल पड़े हैं। विभिन्न गांव से होते हुए इनकी यात्रा पहुंच चुकी है बाल्मीकि नगर। शुद्ध शाकाहारी भोजन अपने हाथों से ये तैयार करते हैं। वाल्मीकि नगर के संगम तट पर माघ मौनी अमावस्या के दिन स्थानीय दैव स्थलों में जल अर्पण करने के बाद शुद्ध ,पवित्र मन से आस्था के साथ जल भरकर सोमेश्वर महादेव अरेराज के लिए प्रस्थान करेंगे। इस दौरान सबों का मुंडन होगा। नंगे पांव ही इस यात्रा में निकल पड़े हैं ये भक्त। खुले आसमान के नीचे पेड़ों की छाया में अपनी रात गुजारते हैं ये लोग। आज लोग धन कमाने के लिए गलत रास्ता भी अख्तियार कर लेते हैं ।लेकिन यदि हम इन गृहस्थ आश्रम के सन्यासियों को, कांवरिया भक्तों को देख लें तो सचमुच आदिकवि महर्षि वाल्मीकि की पंक्तियां याद आएगी। उल्टा नाम जपत जग जाना ।बाल्मीकि भए ब्रह्म समाना।।