मौनी अमावस्या मेले के दौरान श्रद्धालुओं के भेष में वीटीआर के जंगल में घुस सकते हैं शिकारी, अलर्ट जारी

वाल्मीकि नगर से अभिमन्यु कुमार गुप्ता की रिपोर्ट।

माघ अमावस्या मेले के अवसर पर आगामी 21 जनवरी को लगने वाले अंतरराष्ट्रीय मेले में श्रद्धालुओं की भेष में वीटीआर के जंगल में अंतरराष्ट्रीय स्तर के शिकारी, तस्करों की घुसपैठ होने की आशंका बढ़ गई है।

इसको लेकर वाल्मीकि टाइगर रिजर्व प्रशासन ने सभी वनक्षेत्रों को हाई अलर्ट पर चौकसी बढ़ा दी है। साथ ही वाल्मीकिनगर से मंगुराहा वन क्षेत्र तक उत्तरांचल के जंगलों में उड़नदस्ता टीम के द्वारा संदिग्ध तत्वों की जांच के लिए अतिरिक्त वनकर्मियों की टीम की तैनाती किया गया है। नेपाल के क्षेत्रों में डेरा डाल कर वन्यजीवों की शिकार करने वाले अंतरराष्ट्रीय स्तर के शिकारीयो व तस्करों का समूह इस मेले की ताक में है। इस मेले में श्रद्धालुओं की भेष में वीटीआर के सीमावर्ती जंगलों में घुसकर किसी वन्यजीव की शिकार की घटना का अंजाम दे सकते हैं। इसको लेकर वीटीआर प्रशासन ने वन प्रमंडल एक और दो के उत्तरांचल में स्थित वन क्षेत्रों वाल्मीकि नगर, गोनौली, मदनपुर,हरनाटाड़, चिउटाहां, गोवर्धना,मंगुराहा वन क्षेत्रों में विशेष आदेश जारी किया गया है। इस आदेश में बताया गया है कि,यह वाल्मीकि टाइगर रिजर्व का जंगल इंडो-नेपाल बॉर्डर पर स्थित खुला क्षेत्र है। इसका लाभ लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर के शिकारी तस्कर मेले में श्रद्धालुओं की भेष में जंगल में घुस सकते हैं।इस आशंका पर विशेष चौकसी व निगरानी की जरूरत है।इस आशय की जानकारी देते हुए वीटीआर के वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक डॉक्टर नेशा मणि ने बताया कि नेपाल से वीटीआर की ओर आने जाने वाले हर फॉरेस्ट एरिया के सड़क को सील करते हुए विशेष निगरानी की जा रही है। जंगल क्षेत्र होकर गुजरने वाले श्रद्धालुओं की गहन जांच के लिए टीम का गठन किया गया है। वन प्रमंडल एक और दो के डीएफओ ने बताया कि खासतौर पर इन क्षेत्रों में लॉन्ग रेंज पेट्रोलिंग कर संदिग्ध तत्वो की निगरानी का आदेश दिया गया है। उन्होंने आगे बताया कि वाल्मीकि नगर में त्रिवेणी संगम पर लगने वाले इस मेले को लेकर अतिरिक्त वन कर्मियों की तैनाती की गई है। एसएसबी से सहयोग लेकर शिकारी तस्करों पर गहन निगरानी की जा रही है। टीम वाल्मीकि नगर के क्षेत्रों में भ्रमण कर रहे हैं।