बच्चों की मौत के बाद भी नहीं जागा प्रशासन, स्थानीय लोगों ने लगाया आरोप खनिज और पुलिस विभाग से तालमेल बनाकर हो रहा अवैध उत्खनन

आखिर किसकी सह पर टुरया गांव में लगातार खुद रही जानलेवा खदाने

पुष्पेन्द्र दीक्षित पत्रकार छतरपुर

छतरपुर। जिला मुख्यालय की नजदीकी ग्राम टुरया से लगा हुआ जंगल एवं सरकारी जमीन इन दिनों जानलेवा खदानों में तब्दील हो चुकी है तकरीबन 5-6 माह पूर्व इसी खदान में डूबने से दो बच्चों की मौत हो गई थी इसके बाद भी प्रशासन नहीं जागा, इस पूरे मामले में गांव के ही एक शर्मा परिवार का नाम सुर्खियों में आया था लेकिन यह नाम भी दब गया और अब आलम यह है कि इस गांव के इर्द-गिर्द की सरकारी जमीन बड़ी-बड़ी खदानों में तब्दील हो चुकी है और हजारों घन मीटर मुरम व बालू को खनिज माफियाओं द्वारा खुद कर भेज दिया गया है। स्थानीय लोगों के मुताबिक गांव के कुछ दबंग लोगों द्वारा खनिज विभाग एवं पुलिस से सेटिंग कर शासन को प्रतिमाह लाखों रुपए के राजस्व की क्षति पहुंचाई जा रही है हां यह जरूर है कि इस अवैध उत्खनन कर बिक्री करने के मामले में माफिया को तो फायदा है ही साथ ही उसका एक बड़ा हिस्सा खनिज विभाग और पुलिस को भी पहुंच रहा है, उक्त गंभीर आरोप लगाने वाले स्थानीय लोगों का कहना है कि आवाज उठाने पर उन्हें जान से मारने तक की धमकी दी जाती है इस कारण गांव के लोग यह सब अवैध धंधा अपनी नजरों के सामने होते हुए देखकर भी शांत बने हुए हैं।
शहर से लगे ग्राम टुरया महेंद्र ने बड़े पैमाने पर सरकारी जमीन एवं जंगलों को साफ कर वहां की मिट्टी का अवैध उत्खनन कर बिक्री की जा रही है, माफियाओं द्वारा इन सरकारी जमीन का सीना छलनी कर अभी तक करोड़ों रुपए की मुरम एवं बालू बेची जा चुकी है इसके बाद भी खनिज विभाग मौन नजर आ रहा है, जो कि शासकीय महकमे में भ्रष्टाचार की सुगबुगाहट को उजागर कर रहा है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि जहां एक और यह माफिया मुरम खोदकर धड़ल्ले से ट्रक एवं पंपों के जरिए बेच रहे हैं वहीं दूसरी ओर इसी मुरम और मिट्टी को छानकर बालू भी बना रहे हैं।
*खनिज अधिकारी बोले टीम बनाकर होगी कार्रवाई*
अवैध उत्खनन के मामले में खनिज अधिकारी अमित मिश्रा का कहना है कि मुझे इस संबंध में जानकारी नहीं थी अगर अवैध उत्खनन चल रहा है तो टीम बनाकर कार्रवाई की जाएगी।