कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी,अन्न और गौ-दान कर लिया पुण्य का लाभ

गोंडा।जहां मन रमे, वही मनोरमा और जहां मन का मांगा वर मिले वही मनवर है।कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर श्रद्धालुओं ने पवित्र मनवर नदी के उद्गम में डुबकी लगाकर भगवान शिव की पूजा अर्चना की।सदर तहसील में सबसे बड़ा तीन दिवसीय मेला इटियाथोक थाना क्षेत्र के तिर्रे-मनवर गांव में स्थित मनवर के उद्गम पर लगा। मेले में झूला व मिठाई की दुकानों के अलावा चीनी से बने गट्टे आकर्षण का केंद्र रहीं। श्रद्धालुओं ने पवित्र मनवर में स्नान करने के बाद गरीबों और ब्राह्मणों को दान किया। महिलाओं ने तुलसी और शालिग्राम की पूजा की।

मनवर उद्गम स्थल का पौराणिक इतिहास

जिले के दर्शनीय तीर्थ स्थलों में मनोरमा या मनवर का बहुत महत्व है। यह उद्दालक ऋषि की तपस्थली है। यहां प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास में पूर्णमासी को विशाल मेला लगता है। लोग यहां आकर सरोवर में स्नान कर दान आदि देते हैं।यह स्थान जिला मुख्यालय से लगभग 19 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। प्राचीनकाल में यहां महर्षि उद्दालक मुनि का आश्रम था। यहां पर एक बड़ा सरोवर है जहां से एक नदी निकलती है जिसे मनवर या मनोरमा के नाम से जाना जाता है। इस स्थान की उत्पत्ति की कथा महाभारत के शल्य पर्व में वर्णित है। महाराजा दशरथ के यहां पुत्रेष्टि यज्ञ करते समय श्रृंगी ऋषि ने सरस्वती देवी का आह्वान मनोरमा के नाम से किया। इससे वे मनोरमा नदी के रूप में प्रकट हुई। उद्दालक ऋषि के पुत्र नचिकेता ने मनवर से थोड़ी दूर स्थित तारी परसोहिया नामक स्थान पर ऋषियों व मनीषियों को नासिकेत पुराण सुनाया था।

संझवल के ऐतिहासिक सरोवर में हजारों श्रद्धालुओं ने किया स्नान

कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने ब्रह्म मुहूर्त में संझवल गांव के ऐतिहासिक सरोवर में स्नान कर आराध्य का पूजन अर्चन किया और कथा सुनकर पुण्य कमाया।क्षेत्र के जयप्रभा ग्राम, गांधी चबूतरा, कंचनपुर, जानकीनगर, रामनगर झिन्ना,देवतहा, लक्ष्मणपुर लाल नगर, विजयगढ़वा, खरगूपुर, अर्जुनपुर, भरिया लबेदपुर समेत क्षेत्र से आए हजारों श्रद्धालुओं ने पवित्र पोखरे में डुबकी लगाई।ग्राम प्रधान दीप नारायण तिवारी ने भंडारे का आयोजन किया।वहीं सुरक्षा की दृष्टि से खरगूपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक अभिषेक कुमार सिंह,जानकी नगर चौकी प्रभारी घनश्याम वर्मा पुलिस बल के साथ मुस्तैद रहे।