पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्कर गिरोह का किया खुलाशा,तीन तस्कर गिरफ्तार



गोंडा।पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन ड्रग सप्लायर गिरोह का किया खुलाशा,अन्तर्राष्ट्रीय बाजार (USA, UK) में करोड़ों में नशीली दवाओं के कारोबार करने वाले (Online Drug Trafficking) साइबर अपराधियों के गिरोह का खुलासा,तीन गिरफ्तार नशीली दवा,हार्ड डिस्क,लैप टाप सहित अन्य सामग्री बरामद
जनपदीय साइबर/सर्विलांस सेल व कोतवाली नगर पुलिस को नशीली गोलियों के अन्तर्राष्ट्रीय साइबर अपराधियों को गोण्डा लखनऊ रोड स्थित महिन्द्रा एजेन्सी के पास रात्रि में हुण्डई वरना कार से अब्दुल हादी,अब्दुल बारी,विशाल श्रीवास्तव को नशीली गोलियों का लैपटॉप व मोबाइल के माध्यम से ऑनलाइन व्यापार करते गिरफ्तार किया गया, जिसमें अब्दुल हादी के पास से नशीली गोलियों का जखीरा बरामद हुआ है जिसे उसके द्वारा बतौर सैम्पल अपने पास रखकर उनकी फोटो अपने ग्राहकों को भेजता था। अब्दुल हादी के पकड़े जाने से नशीली गोलियों के अन्तर्राष्ट्रीय साइबर रैकेट की कार्य प्रणाली व अन्य कई जानकारी प्रकाश में आयी है गिरफ्तार अपराधियो में दो गोंडा व एक लखनऊ के निवासी बताया गया है। इनके कब्जे से
प्रतिबंधित नशीली दवा अल्प्रासेफ 54 पत्ता (540 टैबलेट),एक लैपटाप,चार अदद एंड्राइड मोबाइल
एक हार्ड डिस्क, चार ए0टी0एम0 कार्ड,एक पैन कार्ड,एक आधार कार्ड,एक ड्राइविंग लाइसेंस,दो मेडिकल विजिटिंग कार्ड,दो वोटर आई0डी0 कार्ड
एक सफेद कार नं0 UP 32 DN 9087 हुंडई वर्ना
एक लेदर पर्स व नगद 3800 रूपया बरामद किया गया है।पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने बताया
गिरफ्तार अभियुक्त अब्दुल हादी द्वारा अमेरिका व यूरोपीय देशों में प्रतिबंधित नशीली दवाओं के बिक्री हेतु Skype App पर अपना अकाउण्ट बनाकर ड्रग्स बायर और पिल्स प्रोवाइडर से सम्पर्क कर यह ऑनलाइन साइबर क्राइम प्रारम्भ किया गया था। अभियुक्तगण 3 वर्ष में ही लगभग 5 करोड़ रूपये का प्रतिबंधित नशीली दवाओं की बिक्री आनलाइन तरीके से किया गया और करीब 2 करोड़ रूपये का लाभ प्राप्त किया गया।अभियुक्तगण द्वारा विभिन्न ऐप्स से वर्चुअल नम्बर क्रिएट कर अपने मूल पहचान को छिपाते हुए उन वर्चुअल नम्बरों से व्हाट्सएप एकाउंट बनाकर व्हाइट पेज वेबसाइट से विदेशी कस्टमर्स का डेटा प्राप्त करते थे । प्राप्त डेटा के माध्यम से कस्टमर्स/प्रोवाइडर से चैट/बात कर मांग के अनुसार लोकल वेण्डर्स से कस्टमर को प्रतिबंधित नशीली गोलियों की सप्लाई वहाँ के स्थानीय वेण्डर्स से कराते थे। इस तरह से उपरोक्त अभियुक्तगण द्वारा पिछले डेढ़ वर्षों में ऐसे विदेशी नागरिकों व लोकल वेण्डर्स जिनका प्रतिबंधित नशीली दवाओं का स्टाक अमेरिका में उपलब्ध था उनका डाटाबेस तैयार कर लिया गया था और वे अभियुक्तगण के नियमित ग्राहक व विक्रेता बन गये थे जिससे प्रतिबंधित नशीली दवाओं का ऑनलाइन व्यापार व्यापक रूप से चल रहा था । विदेशी कस्टमर्स द्वारा अभियुक्तगणों को PayPal, MoneyGram ,Western Union एवं क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन भारत में स्थित अभियुक्तगण के खातों में करते थे।