राजस्थान/राजसमंद - विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा का होगा लोकार्पण

देश के प्रमुख कृष्ण तीर्थ में शुमार राजस्थान के राजसमंद के नाथद्वारा को अब जल्द ही नई पहचान मिलने जा रही है। प्रभु श्रीनाथजी की नगरी को अब विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा के लिए भी जाना जाएगा। 351 फीट ऊंची शिव प्रतिमा अब लोकार्पण के लिए तैयार है। जिसका अनावरण देश के प्रमुख रामकथा वाचक संत मोरारी बापू के हाथों होगा। संत मोरारी बापू ने ही दस साल पहले इस प्रतिमा की नींव रखी थी।

अगले माह हो सकता है लोकार्पण अधिकृत घोषणा बाकी

चर्चा है कि संत मोरारी बापू अगले महीने छह नवंबर को इस प्रतिमा का लोकार्पण करेंगे, किन्तु अभी इसकी आधिकारिक घोषणा होना बाकी है। इस कार्यक्रम में देश के ख्यातनाम अतिथियों और राजनेताओं को आमंत्रित किया जाएगा। राजसमन्द जिले के नाथद्वारा शहर की एक छोटी पहाड़ी पर बनी शिव प्रतिमा का उद्घाटन संत मोरारी बापू नाथद्वारा में आयोजित होने जा रही रामकथा के बीच करेंगे।

20 किलोमीटर दूरी से होते हैं दर्शन विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा

विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा बीस किलोमीटर पहले से ही दिखाई देने लगती है। बैठे हुए अवस्था में बनी यह शिव प्रतिमा बेहद ही खास है। इसके कंधे तक लिफ्ट के जरिए जाया जा सकेगा। यानी 280 फीट ऊंचाई तक जाकर शिव के कंधे पर लगी खिड़कियों के जरिए अरावली की पहाड़ियों को निहारा जा सकेगा।

भोजनशाला की तैयारियों को देखते हुए समझा जा सकता है कि प्रतिदिन यहां तकरीबन एक लाख लोग भोजन प्रसाद लेंगे। सर्विस काउण्टर तक सामग्री पहुंचाने के लिए यहां ओवरहेड कनवेयर तकनीक का सहारा लिया जा रहा हैं जो कि अपने आप में अद्भुत हैं। आयोजन का हिस्सा बनने वाले लोगों द्वारा होटल आदि की एडवांस बुकिंग करवाई जा रही है।

उल्लेखनीय है कि विश्व की सबसे ऊंची शिव मूर्ति की अपनी एक अलग ही विशेषता है। 369 फीट ऊंची यह प्रतिमा विश्व की अकेली प्रतिमा होगी जिसमें लिफ्ट, सीढ़ियां, श्रद्धालुओं के लिए हॉल बनाया गया है। प्रतिमा के अंदर सबसे ऊपरी हिस्से में जाने के लिए 4 लिफ्ट और तीन सीढ़ियां बनी हैं। प्रतिमा के निर्माण में 10 वर्षों का समय और 3000 टन स्टील और लोहा, 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट और रेत का इस्तेमाल हुआ है।

प्रतिमा का निर्माण 250 वर्षों की स्थिरता को ध्यान में रखकर किया गया है। 250 किमी रफ्तार से चलने वाली हवा भी मूर्ति को प्रभावित नहीं करेगी। इस प्रतिमा की डिजाइन का विंड टनल टेस्ट (ऊंचाई पर हवा) आस्ट्रेलिया में हुआ है। बरसात और धूप से बचाने के लिए इस पर जिंक की कोटिंग कर कॉपर कलर किया गया है। प्रतिमा को ततपदम् संस्थान ने बनवाया है।

दस साल में बनकर तैयार

प्रतिमा का निर्माण नाथद्वारा के बिजनेसमैन मिराज समूह के सीएमडी एवं मालिक मदन पालीवाल ने तैयार कराया है। जिसके निर्माण में लगभग दस साल लगे। यह शिवजी की एकमात्र प्रतिमा है, जिसमें लिफ्ट, सीढ़ियां, लोगों के बैठने के लिए हॉल बनाया गया है। शुरूआत में इस प्रतिमा की ऊंचाई 251 रखी जानी थी लेकिन बाद में 351 फीट तक करने का निर्णय लिया। इसके अंदर दो लिफ्ट है, जिनमें हर लिफ्ट में एक बार में 29-29 श्रद्धालु 110 फीट तक ऊपर जा सकेंगे, उसके बाद 280 फीट तक 13-13 श्रद्धालु एक साथ जा पाएंगे। इसके अलावा तीन सीढ़ियां भी बनी हुई हैं।