स्थानीय प्रशासन की मंशा पर नजर गड़ाए बैठे कस्बे के बुद्धिजीवी।

मौदहा हमीरपुर। प्रदेश की सत्ता में पुनः काबिज होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अतिक्रमणकारियों तथा भू माफियाओं को मुख्य निशाना बनाते हुए उनके द्वारा कब्जाई गई जमीनों पर बुलडोजर चलवाने का आदेश दिया, जिससे उनके द्वारा अधिगृहीत भूमि मुक्त हो सके। जिसकी शुरुआत लगभग सभी जिलों में हो चुकी है।इसी क्रम में जनपद के मौदहा कस्बे में भी अतिक्रमण हटाव अभियान बड़ी जद्दोजहद के साथ आखिरकार शुरू कर दिया गया, जिसमें पहले दिन कानपुर सागर राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित बड़े चौराहे के पास का अतिक्रमण हटाया गया, जहां पर गरीब व्यक्तियों के टट्टर तोड़ दिए गए और एक सिंह टायर्स नामक व्यापारी को अपना सामान हटाने के लिए समय दिया गया और दूसरी दुकानों का अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया गया। हालांकि वहां मौजूद पत्रकारों द्वारा जब इस बात को वहां मौजूद एसडीएम, क्षेत्राधिकारी व अधिशाषी अधिकारी के संज्ञान में बात लाई गई और अधिकारियों से सवाल जवाब शुरू किये गए तो फिर एसडीएम के आदेश के बाद दबंग टायर व्यापारी द्वारा किये गये अतिक्रमण को मुक्त किया गया, जिस पर वहां मौजूद सभी लोगों ने स्थानीय प्रशासन की सराहना की और किसी भी प्रकार से भेदभाव न करने की बात कही।
अवगत हो कि भू माफियाओं और व्यापारियों द्वारा किये गये अतिक्रमण से जहां एक तरफ राहगीरों को बड़े जाम के झाम से जूझना पड़ता है तो वहीं एंबुलेंस जैसे आवश्यक वाहनों को भी घंटों जाम खुलने का इंतजार करना पड़ता था, जिस पर एंबुलेंस में मौजूद लोगों को कष्ट सहने के साथ कभी कभार अपनी जान गंवाकर भी अतिक्रमण से मुक्ति पाने की दुहाई लगाई गई है,फिर भी कस्बे के ईर्ष्यालु लोगों ने अतिक्रमण हटाने का नाम तक नहीं लिया। तो वहीं अब अतिक्रमण किए दुकानदारों से अतिक्रमण को मुक्त कराने के बाद उन्होंने प्रशासन की मंशा पर भी सवाल खड़ा करने शुरू कर दिए हैं, उनके अनुसार बड़ा चौराहे से बाजार की तरफ आने वाले तहसील मार्ग में भी कई बड़े-बड़े व्यापारी अतिक्रमण को बढ़ावा दिए हुए हैं। जिसमें फत्तेपुर मोड़ से लेकर वंश नाला के ऊपर किया गया अतिक्रमण तथा तहसील के आसपास और मलि कुआं चौराहा से लेकर थाना चौराहा और गढ़ाना तालाब के भीटों पर बड़ी इमारतें भी दुकानों का रूप ले चुकी हैं तथा यहां से देवी चौराहे तक व्यापारियों द्वारा भारी-भरकम अतिक्रमण किया गया है। जिस पर कल अतिक्रमण के नाम पर उजड़ी दुकानों के स्वामियों ने स्थानीय प्रशासन से मांग की है कि व्यापारी चाहे जिस प्रकार का हो अतिक्रमण सभी का हटना चाहिए। जिससे कोई भी प्रशासन की मंशा पर सवाल न खड़ा कर सके। इसके बाद देवी चौराहे के निकट से लेकर इलाही तालाब की सीमा शुरू हो जाती है जिसमें पूर्णतया अतिक्रमण कर बड़ी-बड़ी इमारतें बनवा ली गई है, जिस पर इनके द्वारा किए गए अतिक्रमण को भी ध्वस्त करने की मांग की गई है। उनके अनुसार पूरे कस्बे में कहीं भी किसी प्रकार का कोई अतिक्रमण न रहने पाए। अवगत होगी पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा बनवाई गई लहरिया नाली भी अतिक्रमणकारियों को काफी बढ़ावा दिए हुए हैं। जिससे यह साबित होता है कि जो जैसा दुकानदार उसका वैसा ही अतिक्रमण। जानकारों की माने तो किसी किसी व्यापारी ने तो अपनी दुकानें बनवाने के समय नालियों को सड़क की तरफ सिकोड़ कर अपने भरपूर दुकान मकान बनवाए हैं, जिससे वह अतिक्रमण की श्रेणी से बाहर रहे।