बालको प्रबंधन के खिलाफ प्लांट गेट के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ मजदूरों के ऊपर बालको प्रबंधक ने नौकरी लगाने के नाम पर पैसे का लेन देन का लगाया आरोप,

ठेका मजदूरों ने कहा हमारी आवाज और हमारी लड़ाई को दबाया जा रहा है,

कोरबा - बालको प्रबंधन आए दिन अपने किसी न किसी हरकतों को लेकर सुर्खियों में बना रहता है,ताजातरीन मामला यह है, की बालको प्रबंधन के अधीन ठेकेदारों के द्वारा बिना किसी कारण बताए ठेका कर्मियो को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है, जिससे गुस्साए मजदूरों द्वारा बालको मैनजमेंट के मजदूर विरोधी नीति एवं नौकरी से निकलने के विरोध में बालको प्रबंधन के खिलाफ सुबह 6:00 बजे से ही प्लांट गेट के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए है। जिसके बाल्को प्रबंधक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह कहां की नौकरी लगाने के नाम पर पैसे के लेनदेन की शिकायत पर ठेका कर्मियों को बर्खास्त किया गया है,

हड़ताल पर बैठे ठेका कर्मियों ने भी बालको प्रबंधन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति को गलत और झूठा बताया-कहा गया कि हमारे खिलाफ सिर्फ एक षड्यंत्र रचा जा रहा है जबकि ऐसा कुछ नहीं है, धरने पर बैठे ठेका मजदूरों ने दी प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि अगर मैंने नौकरी लगाने के लिए पैसे का अगर मांग किया है, तो जांच टीम बैठा कर उस व्यक्ति को हमारे सामने लाया जाए एवं मेरे सामने उससे पूछ ताछ की जाए परन्तु जी. बी.एस कंपनी के अधिकारी ऐसा करने में विफल रहे और मात्र एक झूठी आडियो क्लिप को आधार बना कर मुझे कार्य से बर्खास्त कर दिया गया, ठेका कर्मी महेश दास एवं दीपक उपाध्याय ने कहा कि ड्यूटी कर घर जा रहे थे उसी वक्त बालको गेट के बाहर हम हम लोग आपस में बात चीत कर रहे थे। उस दौरान वहां एक बालको का जे .एस.ओ पहुँचा और दोनों को पीटने की धमकी देने लगा, इस पर तीनो का विवाद हुआ , चूँकि मामला ड्यूटी के बाद का था, इसके बाद भी हिटलरशाही नीति अपनाते हुए, कार्य के दौरान के प्रावधान लगा कर जांच बैठा दी गई और दोनों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया,

धरना पर बैठे तीनो श्रमिको ने बालको एवं कोरबा के निवासियों से आग्रह किया - की बालको प्रबंधन की झूठी विज्ञप्तियों से गुमराह न हों , बालको के अधिकारियों की कार्यशैली सभी को उजागर हो चुकी है, लोकल लोगों के सीधेपन का फायदा उठा कर बालको एच.आर का अधिकारी इस तरह श्रमिकों के परिवारों को भूख मार रहा है। बी.सी.पी.पी प्लांट बंद होने की अनुमति सरकार से न होने के बाद भी वहां के श्रमिकों को कार्य से बाहर कर दिया गया, इस कार्य के लिए तो कोई निष्पक्ष जांच नही हुई थी, वे कर्मचारी भी अब हमारे साथ हैं | हम तीनो कर्मचारी और बी.सी.पी.पी के कर्मचारी, बालको की श्रमिक विरोधी और हिटलरशाही नीति के विरोध में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन पर बैठे हैं, और अपील है कि जिनके साथ भी बालको प्रबंधन ने
अत्याचार किया है, वे हमारा साथ दें, अब देखना यह होगा कि इस आरोप प्रत्यारोप की लड़ाई में सत्य क्या है