शहर सरकार की चर्चा के आगे सभी भूले की मौसम भी ठंडा है, शहर अध्यक्ष बननें को लेकर मौसम हुई गर्म

बैकुण्ठपुर। नगर पालिका शिवपुर चरचा व बैकुण्ठपुर मे सम्पन्न हुए नगरी निकाय के चुनाव मे जीत हार के बाद अब दोनों शहर मे इतनी कडाके की ठंड मे भी लोगों को गर्मी का एहसास हो रहा है, शहर के जिस कोनें मे जावों वहां केवल एक ही बात होती है, कि बैकुण्ठपुर नपा के पूर्व अध्यक्ष व भाजपा के जिला उपाध्यक्ष शैलेश शिवहरे को पिछले नपा चुनाव के तरह इस वर्ष भी हुए नपा चुनाव मे अपनें भीतरघातियों का तीर निसानें पर लगा और श्री शिवहरे को हार का सामना करना पडा लेकिन शहर मे यह भी चर्चा है की श्रीमती शिवहर के पार्षद बननें के बाद श्री शिवहरे का फेका गया पत्ता खुला इस पत्ते के कारण नपा बैकुण्ठपुर शहर अध्यक्ष मे नमीता शिवहरे का नाम भाजपा संगठन से तय माना जा रहा है, सांथ ही कांग्रेस के नवनिर्वाचित पार्षदों को अपनें खेमे मे मिलानें का दौर चल रहा है बरहाल देखना ला जवाब होगा की भाजपा कांग्रेस की रणनिति को भेदकर अपना अध्यक्ष बनानें मे सफल होगी। वहीं कांग्रेस भी शहर अध्यक्ष बनानें जी तोड़ मेहनत कर रही है, कांग्रेस के सभी नवनिर्वाचित पार्षदों को चुनाव परिणाम के दिन ही गुमराह करते हुए रायपुर लेजाया गया ताकि शिवपुर चरचाक्षव बैकुण्ठपुर नपा अध्यक्ष बनाया जा सके, शिवपुर चरचा से शहर अध्यक्ष के लिए एक ही दावेदार है लालमूनि यादव और शिवपुर से कोई भी कांग्रेस से अध्यक्ष बननें की दावेदारी नहीं की गई है, इस लिहाजे से चरचा नपा के अध्यक्ष लालमूनि का बनना तय माना जा रहा है, सोसल मीडिया पर अभी से ही समर्थक अध्यक्ष बननें की अग्रिम बधाई देनें मे लगे हूए है। सब से ज्यादा कठीन बैकुण्ठपुर नपा अध्यक्ष बनानें को लेकर चल रही है, बैकुण्ठपुर नपा अध्यक्ष के लिए तीन दावेदारों ने अध्यक्ष बननें का दावा किया है, लेकिन देखना यह होगा की वास्तव मे कांग्रेस के जनप्रतिनिधि व वरिष्ट नेताओं व जिला पदाधिकारियों की राय सुमारी क्या कहती है। क्योकि बैकुण्ठपुर नपा वार्डों के सर्वे के दौरान छोटे खान को अध्यक्ष बनानें समर्थकों नें जिला अध्यक्ष को भी घेर चुके है, वहीं जिलाध्यक्ष नजीर अजहर नें आश्वासन भी दिया है लेकिन वरिष्ट नेताओं के निर्यण के बाद छोटे खान के लिए भी नपा अध्यक्ष हेतु नाम आ रहा है जो सबसे पहले है, तो वहीं पूर्व नपा अध्यक्ष अशोक जायसवाल के पांच वर्षों के कार्यकाल से कांग्रेस ही नाराज है, उनका कहना है की पिछले वर्ष किसी भी कांग्रेस के लोगों को कोई भी मुलभुत सुविधा वार्डवाशियों के लिए पार्षदों को उपल्बध समय से नहीं कराया जाता था, इसी कारण अशोक जायसवाल की पत्नी को नपा अध्यक्ष बनानें का विरोध चल रहा है, तो तीरसे शहर अध्यक्ष के दावेदार अन्नपूर्णा सिंह है जो पहले ही चुनाव मे जीत दर्ज कर वार्ड वाशियों का दिल जीतनें मे कामया हुई इसमे वार्डवाशियों का भरपुर समर्थन भी मिला, इस कारण से बैकुण्ठपुर नपा अध्यक्ष के लिए शहर सहित कांग्रेस के वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की पहले पसंद अन्नपूर्णा सिंह बनी हूई है, इस संबंध मे शहर के वार्डों मे सर्वे से भी बात सामनें आई है की एक बार तेजतर्रार पढी लिखी योग्य अन्नपूर्णा सिंह को शहर अध्यक्ष बनाया जाऐ। इतना ही नहीं स्थानिय कांग्रेस के कई जिला पदाधिकारी सहित जनप्रतिनिधियों नें भी अपनी सहमती दे चुके है। वहीं कांग्रेस पुर्ण बहूमत के बाद भी शहर सरकार बनानें मे मंथ कर रही है, लेकिन भाजपा भी पुरी तरह शहर अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बनानें की पुरजोर कोशिश मे लगी हुई है। हो सकता कांग्रेस की शहर अध्यक्ष बनानें की लडाई मे भाजपा बाजी मार ले। लेकिन इस स्तिथि मे विपक्ष के विषय मे कुछ कहना भी मुर्खता होगी ऐसा कहा जा रहा है, क्योकि भाजपा के पास शिवपुर चरचा नपा व बैकुण्ठपुर नपा मे अनगिनत मुद्दे थे जो शहर सरकार बननें के लिए पर्याप्त थे, किन्तु सुत्रों की मानें तो नपाध्यक्ष श्री शिवहरे को बनानें के पक्ष मे संगठन के कई दिग्गज चुनाव जीतनें से ज्यादा शैलेश शिवहरे को हरानें मे अपनी ऊर्जा खत्म कर दी थी जिसका परिणाम मिला श्री शिवहरे के हार का सामना करना पडा, लेकिन श्रीमती शिवहरे को अध्यक्ष बनानें कुछ कांग्रेस के नवनियुक्त पार्षद शैलेश शिवहरे को शहर अध्यक्ष बनने का समर्थन कर रहे है, किन्तु इसबार श्री शिवहरे को अपने संगठन के कई लोग जो भीतरघात करते है उन्हे चुन कर किनारे करनें के बाद ही सफलता मिलनें के आसार बनेंगे। किन्तु अब यह देखना दिलचस्प हो गया है, जब शहर अध्यक्ष के लिए सभी नवनिर्वाचित पार्षद अपना मत किसे देते है और शहर अध्यक्ष के रेस मे पूर्व नपा अध्यक्ष अशोक जायसवाल, पूर्व नपा अध्यक्ष शैलिश शिवहरे, पूर्व पार्षद छोटे खान, अन्नपूर्णा सिंह, भानुपाल किनके सर शहर अध्यक्ष का ताज लगेगा। (शिवपुर चरचा अध्यक्ष हेतु विपक्षियों से हांथ मिलाऐ कई पूर्व जनप्रतिनिधि) शिवपुर चरचा नपा मे भले ही कांग्रेस की पूर्ण बहूमत है और यहां से लावमूमि यादव शहर अध्यक्ष की प्रवल दावेदार है यह भी कह सकते है की केवल कांग्रेस से एक ही नाम प्रस्तावित है श्रीमती यादव का यह तय भी माना जा रहा है। लेकिन सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब कांग्रेस के ही कई पूर्व जनप्रतिनिधियों ने विपक्ष पार्टी से हांथ मिलाकर भाजपा से अध्यक्ष बनानें की बात कर रहे है, लेकिन कुछ लोगों का कहना है की ऐसा नहीं होगा जो हमारे कांग्रेस के पार्षद है उनपर पुरा विष्वाश है। अब देखना होगा की जो नपा चरचा के वार्ड क्रमांक तीन के प्रत्याशी को हरानें मे कोई कसर नहीं छोडे थे, उसके बाद भी कांग्रेस प्रत्याशी ने लगभग तीन सौ वोटो से जीत दर्ज कर अपनें विरोधियों के मुह पर कालिक पोतनें का कार्य किया है, अभी भी वही लोग विपक्ष के समर्थन मे जा कर एकबार फिर जीते प्रत्याशी को शहर अध्यक्ष न बनानें हेतु ब्रेकर का कार्य बखुबी कर रहे है, किन्तु कई शहरवाशी ऐसे है जिन्होनें खुले तंर पर लालमूनि यादव को अध्यक्ष बनानें के पक्ष मे सामनें आ रहे है। शहरवाशियों ने कहा की यह हैरान करनें वाली बात यह है की एक बार मुह की खानें के बाद फिर अपने गलत मंसुबों के साथ सामनें आना एक हारे हुए लोगों का काम होता है वही हाल चरचा शहर मे देखनें को मिल रहा है।