चंदौली- भारत के इस पूर्व राष्ट्रपति के परिनिर्वाण दिवस पर, चकिया चेयरमैन ने पहुंच बताई विश्वकर्मा समाज को उनकी उपलब्धियां

चकिया- चंदौली, नगर स्थित दिरेहु ग्राम सभा से सटे प्रभात टॉकीज सिनेमा हॉल के सामने लान में दिन बुधवार को पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह का परिनिर्वाण दिवस संपन्न हुआ आपको बता दें विश्वकर्मा समाज विधानसभा चकिया के तत्वधान में 25 दिसंबर को पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय ज्ञानी जैल सिंह जी का परिनिर्वाण दिवस मनाया गया एवं तैल चित्र पर माल्यार्पण किया गया इसके मुख्य अतिथि रहे अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के हरेंद्र विश्वकर्मा रहे इस दौरान उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति पंजाब में विश्वकर्मा परिवार में पैदा हुए और देश के उच्च स्तर की कुर्सी पर बैठने का कार्य की जिससे पूरे समाज का नाम रोशन किया,,,,,, इस दौरान बतौर विशिष्ट अतिथि के रूप में चकिया चेयरमैन अशोक कुमार बागी ने कहा की स्वर्गीय ज्ञानी ज़ैल सिंह (5 मई 1916 - 25 दिसंबर 1994) कार्यकाल 25 जुलाई 1982 से 25 जुलाई 1987 भारत के सातवें राष्ट्रपति थे। सिख धर्म के विद्वान पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके ज्ञानी जी अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति, सत्यनिष्ठा के राजनीतिक कठिन रास्तों को पार करते हुए 1982 में भारत के गौरवमयी राष्ट्रपति के पद पर आसीन हुए। 1987 तक के अपने कार्यकाल के दौरान इन्हें 'आपरेशन ब्लूस्टार' एवं इंदिरा गांधी की हत्या जैसी दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों से गुजरना पड़ा। कहा की अगर समाज में हिस्सेदारी बनानी है तो संगठित होकर एक रहना होगा एवं अपने हक की आवाज को बुलंद करना होगा तभी जाकर समाज आगे की ओर बढ़ सकेगा,,,, वक्ताओं में विश्वकर्मा बिग्रेड के जिलाध्यक्ष एवं कार्यक्रम के संयोजक विवेक विश्वकर्मा ने कहा कि अगर विश्वकर्मा समाज के संगठित हो जाए तो समाज में अच्छे से अच्छे आईएएस पीसीएस बनकर नाम रोशन करेंगे इस दौरान उपस्थित जगदीश विश्वकर्मा सुभाष विश्वकर्मा डॉ भानु विश्वकर्मा डॉ राकेश सिंह डॉ हरिओम विश्वकर्मा रामविलास विश्वकर्मा जयराम विश्वकर्मा राजीव विश्वकर्मा नंदकिशोर विश्वकर्मा सुभाष विश्वकर्मा आदि उपस्थित रहे