श्री धावडे के द्वारा धोखाधड़ी कर जमीन लेने के मामले में जांच के दिए आदेश

बैकुंठपुर।क्षेत्र मे इनदिनों भू-माफियाओं के आतंक का शिकार ग्रामीण क्षेत्र के गरीब परिवार शिकार हो रहे है। भू-माफिया उन्हे लालच देकर उनके जमीनों को अपनें नाम करा रहा है, इसमे प्रशासन के अधिकारी सहित स्टांप बिक्रेता भी सामिल है। वर्तमान के एक ताजे मामले मे खरवत निवासी किसान बलराम को शिवपुर चरचा के पूर्व नपा अध्यक्ष वर्तमान मे ब्लाक कांग्रेस से शिवपुर चरचा शहर अध्यक्ष के द्वारा षडयंत्र करते हुए राष्ट्रीय राज्य मार्ग 43 बाईपास सडक के किनारे लगभग 47 डिसमिल जमीन को अपने नाम करा लिया। जबकि पीड़ित को इसकी जानकारी तक नहीं थी। इसकी जानकारी हल्का पटवारी के द्वारा बलराम के परिजनों को दी गई तब इस मामले का खुलासा हो सका जिसके बाद से बलराम सहित उसके बेटे हर ऑफिस का चक्कर काट रहे हैं रजिस्ट्रार कार्यालय से लेकर तहसील तक प्रतिदिन अपनी जमीन के कागजों को एकत्रित कर रहे हैं। इसी संबंध मे पीडित व उसके परिजनों ने बताया की उनके द्वारा जिले के कलेक्टर श्री धावडे को लिखित रुप मे आवेदन 16 जुलाई को दिया गया था, उसके बाद भी भू-माफिया के द्वारा पीडित की जमीन को 24 जुलाई को बैकुण्ठपुर रजिस्टार कार्यालय से रजिस्ट्री करा लिया गया। इसकी जानकारी पीडित परिवार को पटवारी वंदना कुजूर के द्वारा दी गई, इस बात की पुष्टी पीडित की बहू नें किया। वहीं पीडित ने पुनः कलेक्टर श्री धावडे से न्याय की गुहार लगाई, जिसके पश्चात तेजतर्रार व संवेदनशिल कलेक्टर ने बैकुण्ठपुर अनुविभागीय राजस्व अधिकारी को जांच हेतु इस प्रकरण को दिया गया है, पीडित का कहना है की हमे कलेक्टर श्री धावडे के उपर पूर्ण विश्वास है की हमे न्याय मिलेगा।

पीडित के परिवार नें पावरआपअटर्नी को कराया शुन्य

भू-माफिया से पीडित बलराम व उसके परिजनों के द्वारा शनिवार को रजिस्टार कार्यालय मे उपस्थित होकर बलराम से अजीत लकडा के द्वारा कराऐ गए पावरआपअटर्नी को शुन्य करवाया गया है। पीडित के परिवार नें बताया की पावरआपअटर्नी को शुन्य करानें हेतु आवेदन बनवाया गया, आवेदन बनानें वाले के द्वारा आवेदन फिस का तीन गुना राशि वसुला गया, इससे से प्रतित होता है कि हमारे सांथ जब यह लोग तीन गुना राशि लिए तब बाकि आम लोगों के सांथ भी यही करते होंगें।

भू-माफियाओं को एक दिन मे मिलता है नकल, पीडित को चार दिन काटना पडा चक्कर

पीडित बलराम नें रजिस्टार कार्यालय मे अपनें जमीन की फर्जी तरीके से हुई रजिस्ट्री के नकल निकलवानें हेतु आवेदन लगाया, आवेदन लगानें के सांथ ही कार्यालय के कर्मचारी के द्वारा पीडित को चार दिनों तक गोल-गोल कार्यालय का चक्कर कटवाया गया, पीडित नें बताया की कर्मचारी यहां तक कह दिए की पेपर खत्म हो गया है आपको नकल नहीं दिया जा सकता। जबकि इसी प्रक्रण का नकल एक नामी व्यक्ति के द्वारा सुबह आवेदन लगाया और शाम को ही उसे नकल दे दिया गया, इस बात का भी हमे खेद है की शासकिय कार्यालय मे पदस्त अधिकारी व कर्मचारी मुह देखकर काम करते है।

पीडित ने बैकुण्ठपुर तहसीलदार को नामंत्रण न करनें का दिया आवेदन

पीडितों से मिली जानकारी के अनुसार बलराम के द्वारा तहसील कार्यालय बैकुण्ठपुर मे उसकी जमीन फर्जी तरीके से रजिस्ट्री की गई है, और पीडित को रजिस्ट्री करते समय राशि देनें का जिक्र किया गया है लेकिन ऊक्त राशि पीडित के दोनों बैक खाते मे नहीं आया है, यह जानकारी देते हूए पीडित नें आवेदन किया है की नामांतरण अजीत व अन्य के नाम से न किया जाए। अब देखना यह होगा की पीडित के द्वारा तहसील मे दिए गए आवेदन स्विकार होता है या रद्दी कागज समझ कर आवेदन को फेक दिया जाता है।

पीडित एसडीएम कार्यालय मे हुए पेश

मुख्यालय के राष्टीय राज्य मार्ग 43 के बाईपास सडक के किनारे फर्जी तरीके से जमीन अपनें नाम करानें के मामले मे पीडित परिवार सोमवार को एसडीएम कार्यालय पहूंचे, जहां एसडीएम के द्वारा पीडित पक्ष का बयान लिया सांथ ही इस संबंध मे पटवारी वंदनख कुजूर से पुछा गया की रजिस्ट्री मे लगाऐ गए चौहद्दी को आपनें बनाया है, इस पर पटवारी के द्वारा चौहद्दी बनानें से इंकार कर दिया गया है। अब सवाल यह है कि आखिर कार फर्जी चौह्द्दी किसके द्वारा बनाया गया है। बरहाल इस संबंध मे अभी जांच जारी है। इस फर्जी तरीके से की गई जमीन रजिस्ट्री मे अभी कई परत खुलनें बाकी है।