ग्रामीण क्षेत्र में बेहतर चिकित्सा सेवा देना हमारा नैतिक दायित्व -बीसीएमओ डॉक्टर मीणा,बीसीएमओ मीणा ने एएनएम सहित ग्रामीण चिकित्सा कर्मियों को दिए सख्त निर्देश

दुर्गाप्रसाद सिंघानिया की रिपोर्ट
राजसमंद 17 जुलाई ग्रामीण क्षेत्र मे बेहतर चिकित्सा सेवा देना हमारा नैतिक दायित्व हैं। हमे यह सुनिश्चित करना होगा कि उप स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रो पर ही हम बेहतर चिकित्सा सेवाए प्रदान करे। ग्रामीण क्षेत्रो मे रहना वाले लोग अपनी आजीविका कारणो से व्यस्ततम जीवन जीते है। संचार माध्यमो के अभाव मे भी चिकित्सा सम्बन्धी सेवाओ एवं योनजाओ से अनभिज्ञ रहते है। परंतु नीचले स्तर पर एएनएम अपने अधीन आँगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं अन्य का सहयोग लेकर स्वास्थ्य सम्बन्धी सेवाओ के प्रति जागरूक करे। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रो पर तैनात चिकित्सा कर्मी भी स्वास्थ्य सेवाओ के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी सुनिश्चित करते हुए अपने राजधर्म का पालन करे। हमारी यह ज़िम्मेदारी है हम किसी भी सूरत मे बेहतर चिकित्सा सेवाए प्रदान करे। यह कहना था भीम खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. समर्थ मीणा का। वह शनिवार को खण्ड स्तरीय अत्यावश्यक बैठक को संबोधित कर रहे थें। बीसीएमओ समर्थ मीणा ने सभी चिकित्सा कर्मीयों को निर्देश दिये कि वह अपने अपने क्षेत्र मे चिकित्सा सेवाओ के प्रति समर्पित होकर कार्य करे। उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा धर्मेन्द्र गुप्ता ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा संचालित सभी राष्ट्रीय कार्यक्रमों योजनाओ एनसीडी सिलिकोसिस आदि मे इच्छित लक्ष्य हासिल ने के निर्देश दिये। इस दौरान उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा धर्मेन्द्र गुप्ता डीटीओ डा रामनिवास जाट राजीव चचरा भैरू लाल सलवी भँवर सिंह पुष्कर लाल शर्मा सहित उप स्वास्थ्य केन्द्रो की एएनएम प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी एवं अन्य चिकित्सा कर्मी मौजूद थे।
नही हो एसी घटनाए
आस पास के ज़िलो से नन्हें मुन्हे बच्चो को गरम धातू से दागने की खबरे आती रहती है। आज भी ग्रामीण क्षेत्रो मे लोगो की इस प्रकार की धारणाए बनी हुई है। इसको लेकर हमारे चिकित्सा संस्थानो मे आने वाले लोगो, रोगीयो एवं उनके साथ आने वाले तिमारदारो को भी जागरूक करे। ताकी इस प्रकार की घटनाए पेश नही आए। बारिश मे मौसम मे ग्रामीण क्षेत्र मे जहरीले जीव जन्तू, सर्पदंश जैसी घटनाए भी होती है। जिसको लेकर आज लोग देवी देवताओ एवं भोपो के चक्कर मे पड़ जाते है।जिससे चिकित्सा संस्थान बहुत देर से गंभीर स्थिति होने पर पहुँचते है। हमारी ज़िम्मेदारी है कि लोगो को काउन्सलिग करे कि इस प्रकार की घटना होने पर तत्काल चिकित्सा संस्थान मे जाये। ताकी संबन्धित व्यक्ति की जान बचाई जा सके।