क्या इस तरह जीतेगा कोरोना की जंग छत्तीसगढ़??

रायपुर:-देश जहाँ कोरोना की दूसरी लहर से नही उबर पाया है वही कोरोना की तीसरी लहर की बातों से ही सिहर जाता हैं, कोरोना की पहली लहर से ज्यादा तांडव कोरोना की दूसरी लहर में देखने को मिला हर तरफ ऑक्सीजन, रेमिडिसिवर, अस्पतालों में खाली बेड की कमी ही सुनने में आई है,जहाँ देश के कई राज्य तीसरी लहर की आशंका को लेकर अभी से तैयारी में जुट गया है वही छत्तीसगढ़ का हाल तो भगवान भरोसे ही दिख रहा है, सिर्फ दावों,वादों में छत्तीसगढ़ कोरोना से लड़ रहा है,पहली लहर में राज्य के तेरह योद्धाओं की जिस तरह तस्वीरे विभिन्न अखबारों में प्रसारित हुई थी,वह सारे दावे दूसरी लहर में शून्य ही दिखे है, कहने को राज्य में ऑक्सीजन,एवं जीवनरक्षक दवाओं की कमी नही है कहकर नेताओ द्वारा इतिश्री कर लिया गया किन्तु वास्तविकता के धरातल की तस्वीरे कुछ और ही बया करती नजर आई,बात करे कोरोना के टीको की उपलब्धता पर तो सरकार द्वारा सिर्फ दोषारोपण के अलावा कुछ विशेष नही दिख रहा है,दिल्ली और कई राज्यो में 18+ वालो के टीकाकरण के लिए एक अलग ही तरह सुविधाजनक रूप से टीकाकरण का कार्य जारी है वही छत्तीसगढ़ मे 18+के टीकाकरण में भी सरकार द्वारा या तो राजनीतिकरण की कोशिश की गई या टीको की अनुपलब्धता को छुपाने की नाकाम कोशिश की गई,हाई कोर्ट के दखल के बाद ही सही टिके कुछ समय के लिए सभी वर्गों को उपलब्ध जरूर हुवे किन्तु कुछ समय मे ही शाषन, प्रशासन की सांसें फूलने लगी और धीरे धीरे छत्तीसगढ़ के अधिकतम टीकाकरण केंद्रों में 18+ के जनता के लिए टिके अनुपलब्ध होने लगे हैं।

केंद्र से मांगी 45 + कोटे से वैक्सीन लेने की अनुमतिटीकों की कमी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अब केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मदद मांगी है। स्वास्थ्य विभाग ने वैक्सीन उपलब्ध कराने की मांग की है। कहा गया है कि अगर संभव हो तो केंद्र सरकार के द्वारा भेजे गए 45 + के लोगों के लिए भेजी गई वैक्सीन में से उपयोग की अनुमति दी जाए।

एक ओर शासन प्रशासन, राजनीति पार्टियां लोगो को टीकाकरण के लिए जागरूकता अभियान चला रहे हैं वही टीको की अनुपलब्धता पर चुप्पी साधे बैठे है,वर्तमान में देखे तो छत्तीसगढ़ राज्य दूसरी लहर को ही काबू कर पाने में सक्षम नही दिख रहा है।