*कोरोना मरीजों का हाल लेने वाला कोई नहीं, प्रशासन एक पैरासीटामोल भी न दिला सका

रिपोर्ट विवेक द्विवेदी, राहुल

जांच रिपोर्ट में फ़ोन नंबर अंकित होने के बाद भी एक कॉल भी नहीं किसी ने कि आप हो कोरोना पॉजिटिव?

अगर जागरूक न होते तो अभी भी पता न चलता कि दोनों पत्रकार हैं कोरोना पॉजिटिव

स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन तक से किसी ने यह भी जानने की कोशिश नहीं की क्या दिक्कत है, क्या समस्या है, क्या उन्हें इलाज की जरूरत है, घर में होम कोरन्टीन रहेंगे या मेडिकल जाएंगे ?

कोंच। कोंच में दो पत्रकारों के कोरोना पॉजिटिव निकलने के बाद पहले तो उन्हें यकीन ही नहीं हुआ कि एक रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उनकी दूसरी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है लेकिन जब लिस्ट को देखा तो उनके पैरों के तले की जमीन खिसक गई और रात भर सो न सके। वहीं सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक और चिन्ताजनक बात तो यह है कि जब एक जगह रिपोर्ट निगेटिव आयी और दूसरी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी तो कम से कम फॉर्म पर मोबाइल नंबर अंकित था तो कम से कम फ़ोन करके तो बताना चाहिए था कि आप कोरोना पॉजिटिव हैं। दोनों पत्रकार अपने कार्य के प्रति सजग रहे और बीमार होने के बाद ही अपने कार्य को अंजाम देते रहे और लोगों से मिलते रहे। कम से कम अगर रिपोर्ट आते ही कॉल कर दी जाती तो कुछ लोग तो कम से कम दोनों के सम्पर्क में आने से बच सकते थे लेकिन हालात यह हैं कि रिपोर्ट आने के कई घण्टों बाद भी किसी भी प्रशासन के व्यक्ति व डॉक्टर आदि किसी का फोन तक नहीं आया कि क्या दिक्कत है, क्या तकलीफ है कि घर में रहो या अस्पताल में रहना चाहोगे। किसी ने यह भी नहीं सोचा कि दो चार गोली पैरासीटामोल की ही दे आएं। फिलहाल पत्रकार तो जागरूक हैं तो उंन्होने सब कुछ पता कर लिया लेकिन ऐसे कई लोग होंगे जिनको जांच के बाद यह भी कई दिन बाद पता चलता होगा कि वह कोरोना पोजिटिब हैं क्योंकि जब दोनों पत्रकारों को फोन तक नहीं किया गया तो अन्य लोगों के साथ भगवान ही जाने पॉजिटिव होने का पता भी चलता होगा या नहीं। जानकारी न होने पर ऐसे व्यक्ति कई अन्य लोगों को भी संक्रमित कर देते है। फिलहाल इतनी बड़ी भयंकर बीमारी के प्रति जिला प्रशासन व स्थानीय प्रशासन बिल्कुल ही उदासीन है। कोई भी पूंछने वाला तक नहीं है, गोली देना या इलाज कराने की बात तो दूर की बात है।