मनोकामना पूर्ति हेतु विभिन्न धाराओं से रूद्राभिषेक का बताया फल  - आचार्य शिवम जी महाराज

कालपी (जालौन) से शोभित पांडेय की रिपोर्ट शिवोहमका ज्ञान ही है जीवन में सर्वाधिक उपयोगी- आचार्य शिवम जी महाराज ने बताया है कि आकाशे तारके लिंग?म?् पाताले हाटकेश्वरम?्। मृत्युलोके च महाकालम?् त्रयलिंगम नमोस्तुते ।। भारतीय पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के साथ विवाह हुआ था। लिंग पुराण में वर्णन मिलता है जब ब्रह्मा जी को अहंकार हो गया था तो भगवान नारायण ने अपनी शक्ति के द्वारा शिव लिंग रुप धारण करके ब्रम्हा जी का अहंकार को दूर किया पौराणिक कथाओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन शिव जी पहली बार प्रकट हुए थे। शिव जी प्राकट्य ज्योतिर्लिंग यानी अग्नि के शिव लिंग के रूप में था । ऐसा शिवलिंग जिसका न तो आदि और अन्त भी नहीं शिव लिंग का पता लगाने के लिए ब्रम्हा जी ने हंस के रूप में शिव लिंग के उपरी भाग को देखने के लिए कोशिश कर रहे थे लेकिन वह सफल नहीं हो पाए दूसरी ओर भगवान विष्णु ने वराह का रूप धारण करके शिव लिंग का आधार ढूंढ रहे थे। लेकिन उन्हें भी आधार नहीं मिला।। *मनोकामना पूर्ति हेतु विभिन्न धाराओं से रूद्राभिषेक का फल-। *रोगों की शांति के लिए - कुश का जल से लक्ष्मी प्राप्ति के लिए-गन्ने के रस से संतान प्राप्ति हेतु -गाय के दूध से शत्रुओं से बचने हेतु - तिल के तेल से।महाशिवरात्रि के रात्रि प्रहर का शुभ योग प्रथम रात्रि प्रहर पूजा -6:27PM से 9:29PM..दूसरे रात्रि प्रहर पूजा*-9:29से12:31AM .. तृतीय रात्रि प्रहर पूजा*-12:31 से 3:32 AM.. *चतुर्थ रात्रि प्रहर पूजा-3:32 से 6:34 AM .. *हर हर महादेव आप सभी को महाशिवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं*