स्वास्थ्य गतिविधियों को बढ़ावा देने में आशा कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका - अपर निदेशक

- छह मार्च तक क्षमता वृद्धि के लिए आयोजित किया जा रहा प्रशिक्षण
- राष्ट्रीय मानक के अनुसार विकसित होंगे हेल्थ एंड वेलनेस सेण्टर
उरई/जालौन। सिफ्प्सा और एनएचएम के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को तीन दिवसीय (चार से छह मार्च) परिवार नियोजन, कौशल वृद्धि प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इसका उद्देश्य ब्लाक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर (बीसीपीएम) को प्रशिक्षित करना एवं उनकी कार्य क्षमता वृद्धि करना है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का सुधार करना है और उसे गुणवत्ता प्रदान करना है। कार्यक्रम का शुभारंभ परिवार कल्याण एवं चिकित्सा स्वास्थ्य अपर निदेशक डॉ अल्पना बरतारिया द्वारा किया गया। इस दौरान संयुक्त निदेशक डॉ रेखारानी भी मौजूद रहीं।
डॉ अल्पना ने बताया कि हम केवल स्वास्थ्य कार्यक्रम को ही नहीं बल्कि वेलनेस गतिविधियों को बढ़ावा देना चाहते हैं इसमें आशा कार्यकर्ताओ की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। बीसीपीएम की क्षमता वृद्धि कर आशा संगनियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। समुदाय आधारित गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए यह जरूरी है कि आशा संगनियों द्वारा अपने क्षेत्र में भ्रामण कर समुदाय आधारित गतिविधियों को बेहतर ढंग से क्रियान्वित करने की योजना बनाने की प्रेरणा दी जाए।
मंडलीय परियोजना प्रबंधक आनंद चौबे ने बताया कि चार मार्च से आरंभ हुआ यह कार्यक्रम छह मार्च तक चलेगा। जिसमें बीसीपीएम को आठ सत्रों में ग्राम स्वच्छता, स्वास्थ्य, कार्य कौशल, जिम्मेदारी, उत्तरदायित्व के प्रति जागरूक एवं प्रशिक्षत किया जाएगा। साथ ही उन्होंने बताया कि उच्च स्वास्थ्य सेवा देने के लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को क्वालिटी एश्योरेन्स के अंतर्गत चयनित कर उनकी स्थिति पर बेहतर काम किया जा सके। हर ब्लाक से एक हेल्थ एंड वेलनेस सेण्टर को राष्ट्रीय मानक के अनुसार विकसित किया जाएगा। इस दौरान रीजनल कोऑर्डिनेटर आशा सुरेंदर कुमार, डॉ राजेश पटेल उपस्थित रहे। इस प्रशिक्षण का आयोजन सिफ्प्सा मंडलीय परियोजना प्रबंधक इकाई द्वारा किया गया।