कंन्नौज ठठिया थानाध्यक्ष के अनुभव से हत्या के दोष में फर्जी सजा काटने जा रहे दो निर्दोष बचे*

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*थानाध्यक्ष के अनुभव से हत्या के दोष में फर्जी सजा काटने जा रहे दो निर्दोष बचे*



दरअसल ठठिया के जलालपुर कुम्हारनपुरवा गांव में तीन दिन पूर्व भूसे के कूप में एक 14 बर्षीय कक्षा 9 के दलित छात्र का हत्या कर शव बरामद हुआ था । मृतक किशोर के पिता ने नाली परनाले की रंजिश मानते हुए गांव के ही प्रजापति अति गरीब दो युबाओ के खिलाफ पुत्र की हत्या करने का आरोप लहाते हुए तहरीर दी । मुकदमा भी दर्ज हुआ ।
*अब शुरू हुआ असली हत्यारो तक पुलिस का पहुँचना* दरअसल हत्या का मकसद किसी कीमत पर नामजद आरोपियों को गुनहगार नही दिखाई पड़ रहा था । सरकारी नियमो के आधार पर दलित हत्या वह भी किशोर की लखनऊ से सीधे मॉनिटरिंग चल रही थी । नामजद आरोपितों को जेल भेजने का थानाध्यक्ष और क्षेत्राधिकारी तिर्वा दीपक दुबे पर वहुत दबाब था । उच्चाधिकारियों के पूरे दबाब के बाबजूद भी ठठिया पुलिस ने धैर्य नही खोया और दो निर्दोषों को बचाने में पिछली तीन रातो से दोनो अधिकारी नही सोए और आखिर में सफलता पूर्वक पूरी घटना का पर्दाफाश कर दिखाया ।
*आखिर कैसे* असल मे मृतक की मां का अबैध सम्बन्ध गांव के एक ट्रक क्लीनर के साथ पिछले तीन बर्षो से चल रहा था । हरेई पुर कोटा चयन के एक दिन पूर्व प्रेमी कलयुगी मां से मिलने आया और मां ने उसे चुपचाप एक कमरे में बंद कर कोटा चयन की बोटिंग में चली गयी । इसे उस बालक की भूल कहे या उसकी मौत होनी थी । भुलबश कमरे का ताला उसने दूसरी चाबी से खोल लिया और राज खुलने के भय से प्रेमी ने एक माशूम की हत्या कर दी । मानवता तो तब शर्मशार हुई जब हत्या की बात जानने के बाद भी कलंकिनी मां ने अपने प्रेमी का ही साथ दिया और रात होने का इंतजार हुआ रात होने पर मृतक की मां और उसके प्रेमी ने गांव के बाहर एक भूसे के कूप में शव छिपा दिया । अनुभवी थानाध्यक्ष राजकुमार मेहनत और लगन से इस हत्या को स्वीकारा और लग गए तह तक खोजने में आखिर कार मेहनत रंग लाई और प्रेमी जो हत्या कर सुबह से ही सरकारी बस से निकल चुका था केवल शक के आधार पर उसके मोबाइल की लोकेशन ट्रेस की गई काल रिकार्ड खंगाले गए तो माँ के नम्बर पर बात होने के सवूत मिले आखिर पुलिस की एक टीम लग गयी पीछे और घटना होने के 24 घण्टो के अंदर असली हत्यारा गिफ्तार कर लाया गया जिसने अपना जुर्म ऐसे कबूल किया जैसे यह कोई साधारण मारपीट का मामला हूं ।
दो निर्दोषों को 302 जैसे जिसमे फांसी तक सम्भावित है को बचाया ।