रेत माफियाओं की दादागिरी, आंदोलन की राह में ग्रामवासी

धमतरी:-कुरुद ब्लॉक के करेली,हरदी,गिरौद में रेत माफियाओं द्वारा धड़ल्ले से अवैध उत्खनन किया जा रहा है.महानदी तट से लगे इलाके में नियम के विरुद्ध चेनमाउंटेन मशीन लगाया गया है. साथ ही टिप्पर वाहनों में लोडिंग कर शहरों में बेची जा रही है. और यह काम प्रशासन के नाक के नीचे धड़ल्ले से हो रही है।
जिसे रोकने अब गिरौद के ग्रामवासी भी एकजुट होकर एक सुर में विरोध कर रहे है,कुछ ग्रामवासियों का कहना है कि अवैध रेत उत्खनन की शिकायत करने पर उल्टा उन पर ही प्रतिबंधात्मक कारवाही करवायी गई है।

अवैध रेत उत्खनन की शिकायत जिले के कलेक्टर को भी किया गया है किंतु अभी तक कार्यवाही नही हुई जल्द ही चक्काजाम कर शासन प्रशासन का ध्यानाकर्षण करवाया जाएगा।

बताया जा रहा हैं कि खदान ठेकेदार द्वारा पॉकलेन मशीन लगाकर उत्खनन किया जा रहा है प्रशासन को इसकी जानकारी होने के बावजूद भी इन रेत माफियाओं पर किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है. हमारे सवांददाता जब मौके पर पहुंचे तो वहां चेनमाउंटेन मशीन से उत्खनन कर टिप्पर वाहनों में लोडिंग किया जा रहा था।
आलम यह है कि सुबह से ही रेत माफियाओं का खेल शुरू हो जाता है और यह खेल आधी रात तक चलता है.

दिन में 50 से 100 ट्रिप टिप्पर वाहनों से रेत का परिवहन किया जाता है, जिससे शासन को लाखों का नुकसान हो रहा है।

ग्रामवासियों का कहना है कि धड़ल्ले से रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है और शासन रेत माफियाओं पर कार्रवाई करने की बजाय उन्हें सरंक्षण देने में लगी हुई है।यह सभी कार्य स्थानीय प्रशासन एवं खनिज विभाग के संरक्षण में किया जा रहा है। आमजनों का मानना है कि अवैध कारोबारियों के द्वारा रेत उत्खनन का कार्य जोर शोर से कर रहे हैं और ऊंचे दरों पर खुलेआम बेच रहे हैं।

अवैध गौण उत्खनन परिवहन का कार्य जोरों से चल रहा है। शासन प्रशासन को लाखों, करोड़ों रुपयों का राजस्व का नुकसान हो रहा है। जबकि करोड़ों रूपए रायल्टी के रूप में अवैध खनिज से प्राप्त होते रहे हैं परन्तु अवैध कारोबारियों की वजह से करोड़ों रूपयों का नुकसान शासन को हो चुका है और वर्तमान में हो रहा है।