बच्चो की जान से खिलवाड़ जवाबदेही किसकी ???

दिलीप जादवानी कुरुद/छत्तीसगढ़:-जिला प्रशासन क्यों बना है बच्चो के जान का दुश्मन...?
राज्य शासन के स्पष्ट आदेश के बावजूद जिला प्रशासन द्वारा बच्चो के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हुए विशेष कोचिंग के नाम पर स्कूल खोले जाने काफरमान जारी किया है, जिसमे 10 वी 12 के विद्यार्थियों को प्रति दिवस 3 घंटे स्कूल में आकर पढाई करनी होगी। स्कूल शिक्षा मंत्री द्वारा लगातार यह बात कही जा रही है कि प्रदेश में अभी स्कूल खोले जाने की स्थिति नही है, धमतरी जिले में भी लगातर कोविड़ के केस बढ़ते जा रहे है ऐसे में स्कूल खोले जाने का फरमान कही बच्चो के स्वास्थ से खिलवाड़ तो नही। विभिन्न शिक्षक संगठन, कर्मचारी संगठन तथा पालको द्वारा भी इस स्थिति में स्कूल खोले जाने के निर्णय को गलत बताते हुए इसे बंद करने की मांग की गयी थी पर शायद जिला प्रशासन अपने जिद पर अडा है, शिक्षक संगठन ये मांग कर रहे है कि इसके लिए स्पष्ट आदेश जारी हो कि स्कूलों का संचालन कैसे किया जाए तथा अनहोनी होने की स्थिति में जवाबदारी किसकी होगी। आपको बता दे कि स्कूल शिक्षा प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला द्वारा कोविड़ 19 के दौरान मोहल्ला क्लास को शिक्षको तथा विद्यार्थियों हेतु स्वेच्छिक बताया गया है इसके बावजूद जिला प्रशासन द्वारा शिक्षको पर दबाव बनाकर मोहल्ला क्लास चलाया जा रहा है।
कुछ पालको ने नाम न छापने की शर्त पे बताया कि स्कूलों को य मोहल्ला क्लास को चलाने हेतु जिला प्रशासन दबाव तो बना रहा है किंतु इसके लिए विद्यालय में किसी भी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नही है, न ही बच्चो के चेहरे पर मास्क है न सेनेटाइजर को व्यवस्था है ना ही सोशल डिस्टेंसिंग। ऐसे में अपनी पीठ थपथपाने के लिए इस प्रकार का तुगलकी फरमान जारी कर आखिर बच्चो के स्वास्थ से क्यों खिलवाड़ किया जा रहा है?