दीपावली पर सर्वार्थ सिद्धि योग और सौभाग्य योग- आचार्य श्री शिवम जी महाराज इंद्रप्रस्थ

कालपी (जालौन) से शोभित पांडेय की रिपोर्ट दीपावलीपर सर्वार्थ सिद्धि योग और सौभाग्य योग- प्रदोष व्यापिनी अमावस्या में दीपावली का पर्व 14 नवंबर शनिवार को मनाया जाएगा। इस बार छोटी दीपावली वह बड़ी दीपावली एक ही दिन पड़ रही है। दीपान्दन्तवा प्रदोषे तु लक्ष्मीं पूज्य यथाविधि । अयं प्रदोष व्यापिनी ग्राह्या ।। लक्ष्मी पूजन के लिए तीन मुहूर्त है -१.दिन में स्थिर कुंभ लग्न १२/३७ बजे से २/९ बजे तक २. सर्वोत्तम मुहूर्त- स्थिर वृष लग्न ५/१६ बजे से ७/१३ बजे तक एवं ३.महानिशा में स्थिर सिंह लग्न ११/४४ से १/५८ बजे तक हरि जागरण प्रातः स्नानं तुलसिसेवनम। उद्यापनं दीपदानं व्रतान्येतानी कार्तिके ।। कार्तिक मास को जागरण प्रातः स्नान तुलसी सेवन उद्यापन और दीपदान सर्वोत्तम समय माना गया है पुराणों में वर्णन है इन्हीं उपायों से सत्यभामा ने अक्षय सुख सौभाग्य और संपदा के साथ सर्वेश्वर को सुलभ किया था । यदि दीपावली के दिन लक्ष्मी मंत्र का जाप जब कमलगट्टे की माला से किया जाए तो वैभव सिद्धि प्राप्त होती है आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा रचित कनकधारा स्तोत्र एवं श्री सूक्त पाठ व हवन किया जाए तो तो मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है । दीपावली में गजाभिषिक्त लक्ष्मी की आराधना से स्थिति प्राप्ति होती है। वास्तु शास्त्र में पूजा के लिए गजाभिषिक्त लक्ष्मी की आराधना से इष्ट सिद्धि प्राप्तहोती है। कमल के आसन पर विराजित और दोनों ही और हाथियों के द्वारा जलाभिषेक वाली निश्चला लक्ष्मी की पूजा करने से घर में स्थायी वैभव की प्राप्ति होती है।।