नगरी क्षेत्र में फल-फूल रहा है सट्टे का कारोबार क्या खत्म कर पाएगी पुलिस

नगरी नगरी क्षेत्र में उबल रहा है सट्टे का कारोबार पुलिस पड़ी है ठंडी
सट्टा कारोबारियों के पकड़े जाने पर कुछ लोगों के चेहरे में आई चमक
मगर इस क्षेत्र में बहुत सारे सट्टा कारोबारियों का पूरे क्षेत्र में जमा हुआ है पैर

सट्टा पट्टी इकट्ठा करने के लिए मोटरसाइकिल में घूमते हैं गांव गांव खाईवाल

लोगों के मन में सवाल क्या पुलिस इनकी पैर उखाड़ पाएगी
जिला पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन पर

आईपीएल सट्टा लिखते पुलिस ने 3 लोगों को किया गिरफ्तार मगर आसानी से आ गए बहार

कुछ लोग व्यापार की आड़ में कर रहे हैं खाई वाले का काम जिससे व्यापार जगत भी हो रहा है बदनाम

पकड़े गए लोगों में सट्टा कारोबार के आका जो कई सालों से पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर चला रहे हैं अपने सट्टा का कारोबार 52 पत्ती का गेम मटका आईपीएल सट्टा और ऐसे बहुत सारे ऐसे चीजों के मास्टरमाइंड के चलते

नगरी पुलिस पहली बार पाई सफलता पुलिस अगर ठान ले तो ऐसे सट्टे कारोबार के आका उनके गिरफ्त में आ सकते हैं मगर कहीं ना कहीं उन सब को खबर पहुंच जाती है और वै सतर्क हो जाते हैं आखिर कौन देता है उनको यह सूचना अब देखते हैं कि आगे कितने सट्टे के कारोबार से जुड़े हुए लोगों को गिरफ्तार करती है पुलिस क्योंकि इस क्षेत्र में भरमार है सट्टे कारोबार के आका के लोग नगरी सिहावा साकरा बेलर घटुला बोरई दुगली गट्टासिली सोदूर छिपली अमली फरसीया एवं जंगल गांव में भी अन्य जगह इन सबके लोग बैठकर बड़ी ईमानदारी से अपने आका के लिए सट्टा पट्टी लिखते पान ठेला होटल और कई जगह दिख जाएंगे और कुछ लोग गांव से सट्टा पट्टी एकत्रित कर के अपने आकाओं के ऑफिसों तक पहुंचाने का भी काम करते हैं वही कुछ लोग 52 पत्ती ताश का खेल अपने घरों में संचालन करते हैं

पूरे नगरी ब्लॉक में सट्टे का कारोबार इस तरह फैला हुआ है पानी जिस तरफ गरम होकर पूरी तरह से उबाल मारती है उसी तरह सट्टे का कारोबार इस क्षेत्र में उबल रहा है आज से नहीं कई सालों से इस क्षेत्र में सट्टे के आका अपने पैर जमा कर इस धंधे में लाखों करोड़ों कमा रहे हैं और इस क्षेत्र के युवा वर्गों को बर्बाद करने में तुले हुए जिसके चलते हैं युवा वर्ग गलत मार्गो पर चलना चालू करती है कुछ हुआ तो अपने घर में ही परिवार के गहने अन्य चीज बेचकर इन सट्टा में हारे हुए रकम को चुकता करते और अपने घर परिवार को बर्बाद करने में लगे हुए हैं जिसका पूरा जवाबदेही इन सट्टा कारोबारियों को जाता है मगर इस कारोबार से जुड़े हुए आकाओं तक क्यों नहीं पहुंती पुलिस जहां पुलिस ने आम जनता के दिमाग में चलता रहता है वही जब भी ऐसा कुछ कार्रवाई होता है दो तीन लोगों को पकड़ कर इतिश्री कर दी जाती है जबकि नगरी ब्लॉक के हर छोटे-बड़े गांवों में सट्टा पट्टी का खेल खुले रूप से चलता है वही सट्टा पट्टी खिलाने वाला अपना घर सुंदर और घर सुविधा युक्त बना लेता है मगर खेलने वाला पूरी तरह से बर्बाद होते जा रहा है साथी परिवार भी टूट रहा है युवा वर्ग जहां सट्टे की लत में फस जाते हैं उसके बाद धीरे से नशे की तरफ अपना कदम बढ़ाते हैं फिर घर में परिवार को पैसे के लिए परेशान करते हैं जिससे परिवार वालों का जीना भी हराम हो जाता है और एक तरफ सट्टा लिखने वाले और उनके आकाओं का घर खुशियों से भरा और महालसा बन जाता है
यहां एक पिता ने अपने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कुछ दिन पहले सट्टे के चलते हैं पुत्र ने ₹40000 हजार हारने पर सट्टा लिखने वाला व्यक्ति का दबाव के चलते अपने ही मां के डेढ़ लाख के गहने बेचने को लेकर निकल गया था मार्केट में 40000 का सट्टा में हारने का नतीजा यह हुआ कि पैसे थोड़े लेट देने पर उस रकम मैं ब्याज ब्याज जोड़कर रकम को 80000 बना दिया गया जिसके चलते लड़का परेशान था वह कुछ भी कर सकता था यह बताते पिता की आंखों में आंसू था मगर जब उसे कुछ सट्टा वालों की पकड़ने की खबर मिली खुशी के मारे उसका ठिकाना नहीं रहा और पुलिस को धन्यवाद भी देने लगा और कहां की अब पूरा विश्वास है कि पुलिस विभाग सट्टा लिखने वालों के साथ-साथ उनके आकाओं तक पहुंचेगा और उनके खिलाफ करेगी कार्रवाई सट्टा बाजार खत्म कराएगी