रामपुर मथुरा सीतापुर खनन माफियाओ के आगे प्रशासन नतमस्तक खनन माफियाओ के फैसले बुलन्द

रामपुर मथुरा,सीतापुर । थाना क्षेत्र में खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।पुलिस की मिलीभगत से माफिया रातों रात अब तक हजारों ट्राली बालू बेच चुके हैं। बालू खनन का ठेका न होने से खनन माफिया लाखो रुपये का राजस्व का घाटा कर रहे है।
थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम धान्धी, शुकुलपुरवा ,कनरखी ,सोहरिया आदि बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में आते हैं,जहां सरयू नदी की बाढ़ का पानी कम होते ही हजारों एकड़ जमीन पर सफेद सोना कही जाने वाली बालू पर खनन माफियाओं के मुंह से लार टपकने लगती है। थाना क्षेत्र में सक्रिय दर्जनों खनन माफिया पुलिस से साठ गांठ कर रातोंरात जेसीबी और सैकड़ो मजदूरों की मदद से प्रतिदिन करीब आधा सैकड़ा ट्राली बालू मोटी रकम लेकर विक्रय करते है। शासन प्रशासन की सुस्ती के कारण बालू का भंडार नदी के तलहटी क्षेत्र में आज तक खनन का ठेका न होने से करोड़ो रूपये की राजस्व क्षति भी होती है। जानकारी के अनुसार ग्राम धान्धी के उत्तर गोबरहिया नदी के पहले करीब एक एकड़ खेत मे बड़े पैमाने में भूमाफियाओं के काफी गहराई तक बालू का खदान किया है। पड़ोस में जानवर चरा रहे ग्रामीणों से पूछने पर बताया कि करीब एक माह से देर रात्रि में दर्जनों ट्रैक्टर ट्राली,जेसीबी तथा दर्जनों मजदूर आकर रातोंरात प्रतिदिन 12-15 ट्राली बालू खोदते है। मना करने पर बताते है कि हम खेत वाले को पैसा देकर खोदाई कर रहे है। और हमने जिले से ठेका ले रखा है,यदि रोकटोक करोगे तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। यदि नदी के पड़ोस से काफी गहराई से इसी प्रकार अवैद्य बालू खनन चलता रहा तो अगले वर्ष की बाढ़ में नदी की धारा इसी खदान के जरिये धान्धी गांव के अस्तित्व को समाप्त कर कस्बा रामपुर मथुरा के नजदीक पंहुच सकती है। खनन माफियाओं के भय से ग्रामीण अपना नाम बताने में भी असमर्थता जता रहे थे। सवाल यह है इतने बड़े पैमाने पर हो रहे खनन की जानकारी अभी तक पुलिस को नही है। क्षेत्रीय पुलिस स्टेशन के सामने से प्रतिदिन दर्जनों ट्राली बालू कैसे जाती है।