महत्वाकांक्षी योजना राम वनगमन पथ का चिन्हांकन कर पर्यटन स्थल के रूप में तब्दील करने के लिए कलेक्टर दीपक सोनी ने क्षेत्र निरीक्षण के साथ गठित किया कमेटी

सूरजपुर। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना राम वनगमन पथ का चिन्हांकन कर जिले के महत्वपूर्ण स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का फैसला सरकार द्वारा लिया गया है। इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा राम वन गमन पथ के महत्वपूर्ण स्थलों को विकसित कर इन स्थानों की धार्मिक मान्यताओं, लोक आस्थाओं पर आधारित केंद्रों को विकसित कर ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निर्देश दिया गया है। उक्त निर्देश का परिपालन में जिले के कलेक्टर दीपक सोनी के द्वारा रामवन गमन मार्ग का सर्वेक्षण, सौंदर्यीकरण, वृक्षारोपण, कैफेटेरिया का निर्माण, शौचालय निर्माण एवं विद्युत व्यवस्था सहित अन्य कार्यों के लिए कमेटी गठित की है।कमेटी में वन मंडलाधिकारी अधिकारी जेआर भगत, अश्वनी देवांगन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सूरजपुर, एसके विश्वकर्मा कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग, एसएस राजपूत कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी विभाग, गौस बैक स्पोर्टस शिक्षक और मोहन साहू को शामिल किया गया है। इसके अलावा उक्त क्षेत्र का दौरा करने कलेक्टर दीपक सोनी, पुलिस अधिक्षक राजेश कुकरेजा वन मंडल अधिकारी जेआर भगत द्वारा ओड़गी के सितलेखनी, लछमन पाव का संयुक्त रूप से भ्रमण कर स्थिति का जाएजा लिया और साथ ही संबंधित दल को उक्त मार्गो का चिन्हांकन कर सौंदर्यीकरण सहित पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने कहा गया है। इन स्थलों में सुविधाओं को विकसित करने के साथ कार्ययोजना अनुसार प्रस्ताव बनाने निर्देशित किया है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना में जिले के ओड़गी, भैयाथान व प्रतापपुर, सूरजपुर, रामानुजनगर विकासखंड क्षेत्र में कई स्थानो को शोधकर्ताओं द्वारा भगवान श्रीराम के द्वारा अपने 14 वर्षीय वनवास के दौरान इन क्षेत्रों में होकर गुजरे थे उसी लोक आस्थाओं पर आधारित स्थलों का चिन्हांकन कर पूरे राज्य सहित सूरजपुर जिले को भी राम वन गमन पथ मार्ग को एक नई दिशा मिलेगी, जिससे यहां की जनता की प्राचीन लोक मान्यताओं पर आधारित समग्र विकास का कार्य किया जाएगा। जिले में भगवान राम के वन मार्गो की कई मान्यताएं है जिसके अध्ययन के बाद इन स्थलों का समुचित विकास कलेक्टर के सफल मार्गदर्शन में किया जाएगा। कोरिया जिले से सूरजपुर पहुंच मार्ग रसौकी से रक्सगण्डा, सीतालेखनी, बांक, कुदरगढ़, जोगीमारा, डुगडुगी पखना, सारासोर, मरहट्टा, बिल द्वार गुफा सहित विष्व ऋषि आश्रम से रामेश्वरनगर स्थान जो प्राचीन जन मान्यता है, उन्ही स्थानों को चिन्हाकित कर विकसित किया जाएगा। मुख्य स्थानो के साथ-साथ शोधकर्ताओं द्वारा समय-समय पर पढ़े गए शोध पत्र, समाचार पत्र के आधार पर पूर्णतः लोक मान्यताओं को आधार मानकर कार्य किया जाएगा।