लैलूंगा क्षेत्र के ग्रामीण अंचल में ओलावृष्टी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। लोगों के घरों के छप्पर टूट गए।

सिटी अपडेट जितेंद्र मिश्रा

रायगढ़ लैलूंगा क्षेत्र में 12 बजे बाद�ऐसी ओलावृष्टि हुई की जिससे लैलूंगा क्षेत्र के ग्रामीण अंचल में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।�लोगों के घरों के छप्पर टूट गए। इस ओलावृष्टि ज्यादा मार तो सब्जी उगाने वाले किसानों के ऊपर पड़ी। उनकी फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई और ग्रामीण अंचल में सबसे बड़ी आर्थिक क्षति यह है कि आने वाले मौसमी वनोपज जैसे महुआ, चार, चिरौंजी, डोरी, आम जो ग्रामीणों की आय के महत्वपूर्ण स्त्रोत हैं, इनका नष्ट हो जाना मतलब इस पर निर्भर लोगों की आर्थिक कमर टूट जाना है। इस चार महीना के वनोपज को संग्रहण करके एक वर्ष का अपना खर्चा निकालते हैं। इस प्राकृतिक आपदा से उन्हें भारी आर्थिक क्षति हुई है। जनता पहले ही एक बड़ी भीषण माहमारी को झेल रही थी ऊपर से फिर एक बड़ी आपदा जनता के सामने आ पड़ी।

ऐसी विपत्ति को देखकर स्थानीय विधायक चक्रधर सिंह जन प्रतिनिधियों की टीम व प्रशासनिक अमला के साथ प्रभावित गांवों में पहुँचकर इस संकट की घड़ी में उनसे मिल रहे हैं। ग्रामीण अपने बीच विधायक को पाकर हिम्मत और राहत महसूस कर रहे हैं। विधायक ने एक एक व्यक्ति से मिलकर उनके क्षति का जायजा लिया और उनके साथ प्रशासन की टीम जिसमें तहसीलदार, पटवारी व अन्य कर्मचारी मौजूद हैं, उन्हें तत्काल निर्देश दिया गया कि इनके क्षति का मूल्यांकन कर तत्काल सहायता दी जाय। इस संकट की घड़ी में अपने विधायक को अपने पास पाकर जनता फक्र व राहत महसूस कर रही है।