सूरजपुर व कोरिया जिले के दो थानों के बीच जमकर हो रही है काली हीरे की कालाबाजारी अधिकारी जनप्रतिनिधि मौन

सुरजपुर। इन दिनों जिले मे पडोसी जिला कोरिया से हमारे जिले में प्रतिदिन दर्जनों पिकअप से कोयला लाया जा रहा है किंतु दोनों जिले की पुलिस मौन क्यों हैं। जानकारी के अनुसार दिन के उजाले में सफेद बताकर काले करोबार को कोल माफिया अंजाम दे रहे हैं। यह कारोबार एलसीएल क्षेत्रों में रात के अंधेरों में चल रहा है। रामानुजनगर पुलिस इस काले कोराबार में डूबकी लगा रही है। यह सब दोनों थाना कोरिया से पटना थाना प्रभारी व रामानुजनगर थाना के संरक्षण में जारी है, लेकिन अंकुश लगाने की जहमत जिम्मेदार अफसर नहीं उठा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक कोरिया जिला के पटना थाना क्षेत्र से कोयला लगातार रामानुज नगर थाना क्षेत्र में आ रहा है। कोरिया जिले के पटना थाना क्षेत्र कोल माफिया इस कदर हावी हैं कि विधायको के इर्दगिर्द थाना प्रभारी के इर्दगिर्द व थाना में माफियाओं का मजमा लगा रहता है। माफियाओं के आगे प्रभारी को जनता की पीड़ा सुनने का मौका नहीं है। इस हालात से कोरिया जिला के कुछ पुलिस महकमे के आला अधिकारी भी वाकिफ हैं, लेकिन कोई पड़ताल की जरूरत नहीं समझ रहा है। पुलिस जिला अधिकारी रैंक व थाना प्रभारी अपना तबादला करानें की फिराक मे माफियाओं के कोयला चोरी सहित अन्य काले कारोबारी व सफेदपोस नेताओं को पूरी छूट दे रखी है। इस मंसूबे पर काम कर रहे कोरिया जिला के पटना थाना प्रभारी व रामानुजनगर थाना सुरजपुर जिला मुख्यालय से खुला संरक्षण दिया गया है। यदि ऐसा नहीं तो कोयला चोरी का गढ़ कहे जाने वाले पटना थाना में हाल के कुछ महीनों में एक भी चोरियां नहीं पकड़ी गई हैं।च

र्चित माफिया पर मेहरबानी क्यों...?

पुलिस सूत्रों की मानें तो चर्चित कोयला माफिया जो अब विधायक व थाना प्रभारी के इर्द-गिर्द रह रहा है। उसे अब कोयला चोरी करने की क्या आवश्यकता पड़ गई है । इससे पहले कोरिया जिले की पुर्व अति. पुलिस अधीक्षक निवेदिता पाल शर्मा के द्वारा भी कई बार कोयला चोरी ना करने की समझाइश दी गई थी किंतु वह नहीं माना और लगातार कोयला चोरी करता रहा। उसके द्वारा बर्दिया, टेंगनी, पण्डोपारा टेमरी जैसी कई जगहों से लगातार कोयला चोरी करता रहा है। इतना ही नही स्थिनिय विधायक के अनुशंसा पर पटना में करोड़ों रुपए की लागत से नियम विरुद्ध सीसी सड़क भी बनाया गया है तथा इसे विधायक व थाना प्रभारी का संरक्षण मिलना लाखों रुपए का खेल बताया जा रहा है।इस काले कारनामें में थाना से लेकर मुख्यालय तक के अफसरों की मिलीभगत है। जिससे कारोबार में हर रोज बढ़ावा हो रहा है।

चुप्पी साधे हैं आला अफसर
जिले में अवैध कारोबार पर रोक लगाने के लिए आला अधिकारी निर्देश देते हैं अधीनस्थों को इस बात का खौफ रहता है कि फटकार मिलेगी और कार्रवाई होगी। मगर, यहां मुख्यालय से लेकर दो पड़ोसी जिलों तक का पुलिस महकमा काले धंधे में डूबकी लगा रहा है। आखिर ऐसा क्या वजह है कि कोल माफियाओं पर शिकंजा नहीं कस रहे हैं। इससे अफसरों का भी कुछ नाता हो सकता है। यही कारण है कि इन दिनों जिला अवैध कारोबार से अछूता नहीं है।

चलती ट्रेलरों को बना रहे निशाना
बतादें कि एसईसीएल से कोयला लेकर जाने वाली माल गाडिय़ों से चलते हुए कोयला चोरी कर लेते हैं। जिससे कई बार घटनाएं भी घटित हुई हैं। दिनदहाड़े चलती ट्रेलरों के चालकों से सटेंग कर कोयला चोरी कर लेना भी एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। पुलिस का संरक्षण ऐसा कि चलती ट्रेलरों से कई टन कोयला चोरी हो जाता है। कई बार घटनाओं के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी तमाशबीन बने हैं। इसलिए कि उन्हें भी चोरी कराने के एवज में बतौर कमीशन पहुंचता है।