स्थानांतरण के बाद भी मऊ में सेवा, नियमों की अनदेखी पर उठे सवाल

मऊ। पुलिस अधीक्षक कार्यालय मऊ से पीएससी लखनऊ स्थानांतरण होने के बावजूद उपनिरीक्षक (S.I.) संजय तिवारी द्वारा पूर्ववत मऊ जनपद में सेवाएं देने का मामला सामने आया है। यह स्थिति विभागीय नियमों और अधिकारिक आदेशों की अवहेलना का संकेत देती है जिससे पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न खड़े हो गए हैं।

नियमानुसार किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के स्थानांतरण के बाद उसे तत्काल नवीन तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण करना अनिवार्य होता है। इसके बावजूद S.I. संजय तिवारी का मऊ में ही सक्रिय रहना दर्शाता है कि या तो आदेशों के अनुपालन में ढिलाई बरती जा रही है या फिर किसी स्तर पर संरक्षण प्राप्त है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि ऐसे मामलों में स्पष्ट लिखित आदेश कार्यमुक्ति प्रमाणपत्र और नवीन पदस्थापना पर ज्वाइनिंग अनिवार्य होती है जो अब तक सार्वजनिक रूप से स्पष्ट नहीं है।

इस प्रकरण से यह सवाल भी उठता है कि यदि स्थानांतरण आदेश प्रभावी नहीं हैं तो जवाबदेही किसकी बनती है?कार्यालय प्रमुख की संबंधित शाखा की या स्वयं अधिकारी की? पारदर्शिता के अभाव में अनुशासनहीनता को बढ़ावा मिलने का खतरा है। जनहित में अपेक्षा है कि उच्चाधिकारियों द्वारा मामले की जांच कर नियमसम्मत कार्रवाई सुनिश्चित की जाए ताकि प्रशासनिक विश्वसनीयता बनी रहे और नियमों का समान रूप से पालन हो।