उत्तर मध्य रेलवे में उर्जा संरक्षण प्रदर्शनी का आयोजन

उत्तर मध्य रेलवे सूबेदारगंज में विद्युत विभाग द्वारा राष्ट्रीय उर्जा संरक्षण प्रदर्शनी लगाई गईI इस अवसर पर महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे नरेश पाल सिंह ने उर्जा संरक्षण प्रदर्शनी का दीप प्रज्जवलन एवं फीता काट कर शुभारंभ किया और उर्जा संरक्षण प्रदर्शनी में लगी स्टॉलों का अवलोकन कियाI इस अवसर पर अपर महाप्रबंधक जोगिंदर सिंह लाकरा सहित मुख्यालय कार्यालय के सभी प्रधान विभागाध्यक्ष एवं मंडल के अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहेIइस प्रदर्शनी में विभिन्न ऊर्जा संरक्षण उपायो तथा उत्पादो का प्रदर्शन किया गया। जिसमे LED bulb, सोलर पैनल, केबल, प्रीपेड मीटर, हाई मास्ट के ऊपर लगाने वाली विंड टर्बाइन इत्यादि का विभिन्न कंपनियों द्वारा प्रस्तुतिकरण किया गया। इस अवसर पर एक नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किया गया, जिसके द्वारा ऊर्जा संरक्षण के उपायों पर प्रकाश डाला गया।इस अवसर पर महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे द्वारा ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा आयोजित राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2025 मे नवाचार श्रेणी का सर्टिफिकेट ऑफ मेरिट जो कि विद्युत लोको शेड, कानपुर को लोकोमोटिव से हार्मोनिक फ़िल्टर असेंबली के उन्मूलन के लिए प्रदान किया गया। इस हेतु यतेंद्र कुमार प्रमुख मुख्य बिजली इंजीनियर,राहुल त्रिपाठी वरिष्ठ मण्डल बिजली इंजीनियर विद्युत लोको शेड, कानपुर को बधाई दी। इस उपाय से कुल संचयी लाभ 5,000 करोड़ रुपये से अधिक, साथ ही सुरक्षा, विश्वसनीयता और परिचालन उपलब्धता में बड़े सुधार हुए.अपने वक्तव्य में महाप्रबंधक ने प्रत्येक रेलवे कर्मचारी को अपने जीवन में ऊर्जा संरक्षण उपायों से सम्बंधित आदतों को अपनाने हेतु जोर दिया। भारतीय रेलवे द्वारा पिछले कुछ वर्षों में Energy Conservation हेतु कई कार्यक्रम चलाये गये हैं। हमारी उत्?तर मध्?य रेलवे द्वारा भी इस हेतु लगातार महत्वपूर्ण कार्य किये गये हैं। जैसे -सौर ऊर्जा संयत्र की स्थापना तथा अधिकाधिक प्रयोग, इलेक्ट्रिक इंजन का प्रयोग, HOG के उपयोग से पावर कार के डीजल खपत में कमी करना, Energy Saving Process/Technology का उपयोग Energy Efficient Coaches का उपयोग, रेलवे स्?टेशनों पर Energy Saving LED प्रणाली का उपयोग इत्यादि । इन सभी उपायों द्वारा हमारी ऑपरेटिंग कॉस्ट में काफी कमी आयी है तथा Carbon Emersion में भी कमी आयी है, जिससे पर्यावरण के संरक्षण में मदद मिली है।इस अवसर पर प्रमुख मुख्य बिजली इंजीनियर यतेंद्र कुमार ने सोलर ऊर्जा जनरेशन, रिजनरेटिव ब्रेकिंग, हेड ऑन जनरेशन BLDC पंखा इत्यादि से सम्बंधित आंकड़े प्रस्तुत किये गए। उत्तर मध्य रेलवे हरित ऊर्जा के सतत उपयोग हेतु प्रतिबद्ध है एवं इसको एक मिशन के रूप मे लिया है। उत्तर मध्य रेलवे ने पर्यावरण संरक्षण एवं ऊर्जा दक्षता की दिशा में उल्लेखनीय उपलब्धि प्राप्त की है। इसी प्रयास को आगे बढ़ाते हुये उत्तर मध्य रेलवे 18 मेगावाट के सौर ऊर्जा सयंत्रों को स्थापित करने की दिशा में भी कार्य कर रही है जिससे कि कुल स्थापित सौर क्षमता 30 मेगावाट से भी अधिक हो जाएगी, यह कार्य आगामी वर्ष तक पूर्ण कर लिया जाएगा। वर्ष 2024-25 तक उत्तर मध्य रेलवे में सोलर ऊर्जा (हरित ऊर्जा) की कुल स्थापित क्षमता 12.7 MWp थी। वर्ष 2025-26 (अप्रैल-नवंबर) में 3.5 MWp की अतिरिक्त सोलर ऊर्जा (हरित ऊर्जा) की क्षमता में बढ़ोत्तरी की गई, जिससे वर्तमान में कुल स्थापित सोलर ऊर्जा (हरित ऊर्जा) की क्षमता 16.2 MWp हो गई है।उत्तर मध्य रेलवे ने कुल 16.2 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र को स्थापित कर वित्त वर्ष 2025-26 (अप्रैल-नवंबर) मे कुल 8.6 मिलियन यूनिट बिजली (हरित ऊर्जा) का उत्पादन किया है जो कि पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर हमारी निर्भरता मे कमी लाती है साथ ही हमे और अधिक सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने को प्रेरित करती है। सौर ऊर्जा द्वारा बिजली के इस उत्पादन से वित्त वर्ष 2025-26 (अप्रैल-नवंबर) मे रेलवे के राजस्व में 4.16 करोड़ रुपए की बचत हुई जिसके फलस्वरूप 7227 मेट्रिक-टन कार्बन-डाई-ऑक्साइड (ग्रीन हाउस गैस) का उत्सर्जन रोका गया।उत्तर मध्य रेलवे ने हरित ऊर्जा की दिशा में प्रगति करते हुए इसके कार्यालय भवनों को शून्य और शून्य प्लस प्रमाणीकरण हेतु एक विस्तृत योजना तैयार की है। इस योजना के अंतर्गत उत्तर मध्य रेलवे के सभी भवनों में ऊर्जा की कुल खपत का आकलन करके, उन्नत विश्व स्तरीय तकनीकों से ऊर्जा के खपत मे कमी लाकर तथा सौर ऊर्जा पैनल द्वारा उतना ही अथवा उससे अधिक ऊर्जा का उत्पादन किया जाता है। जिससे यह भवन अपनी ऊर्जा खपत के बराबर स्वयं ही सौर पैनलों के माध्यम से उत्पादन कर लेता है और किसी बाहरी स्त्रोत से ऊर्जा की आवश्यकता नहीं रहती तथा यह भवन शून्य और शून्य प्लस प्रमाणित हो जाता है। यह प्रमाणपत्र भारत सरकार द्वारा नामित ऊर्जा संरक्षण ब्यूरो के एक्रेडिटिड एनर्जी ऑडिटर द्वारा पूरे भवन का ऊर्जा ऑडिट करके जारी किया जाता है|उत्तर मध्य रेलवे के 10 भवनों को वर्ष 2024-25 के दौरान 10 सर्विस बिल्डिगों को BEE (ऊर्जा दक्षता ब्यूरो) द्वारा शून्य/शून्य-प्लस प्रमाणपत्र से नवाजा गया है। उत्तर मध्य रेलवे अपनी सर्विस बिल्डिगों को भी ऊर्जा दक्ष बनाने एवं ऊर्जा दक्षता प्रमाणित करने की दिशा में महत्तवाकांशी कदम उठा रहा है। उत्तर मध्य रेलवे इस वर्ष भी 14 और सर्विस बिल्डिगों को प्रमाणपत्र दिलवाने के लिए आवश्यक कदम उठा चुका है।उत्तर मध्य रेलवे ने कार्यालय भवनों को ऊर्जा दक्ष बनाने के लिए वर्ष 2023-24 में 74 कार्यालयों की Energy Audit, BEE के Accredited Energy Auditor से कराई है। Energy Auditor की अनुशंसा को लागू कर इन कार्यालयों को ऊर्जा दक्ष बनाने कि दिशा में कार्य किए जा रहे है।ऊर्जा के सदुपयोग के लिए IR-NIYANTRAC प्रणाली के कार्य कराए जा रहे है जिससे हमारे लगातार उपयोग किए जा रहे विद्युत उपकरणों जैसे कि Lift, Escalator, Pump, Platform Lighting इत्यादि की monitoring,Real-time basis पर कराई जाएगी। इससे इन उपकरणों का automation भी हो जाएगा और breakdown और maintenance time में भी बचत होगी। इससे ऊर्जा का सदुपयोग होने के साथ-साथ ऊर्जा की बचत भी होगी।इस अवसर पर प्रमुख मुख्य बिजली इंजीनियर ने सभी को इसी तरह आगे भविष्य में भी कार्य करने हेतु प्रोत्साहित किया। अंत में अखिलेश कुमार, वरिष्ठ मण्डल बिजली इंजीनियर/ सामान्य/प्रयागराज ने सभी का आभार व्यक्त किया।