भगत की कोठी लोको शेड में सौंदर्यीकरण से संवर रहे पुराने डीजल इंजन

भगत की कोठी लोको शेड में सौंदर्यीकरण से संवर रहे पुराने डीजल इंजन

पुराने इंजनों को नए रंगरूप में ढालने का रेलवे का नवाचार

कुल 83 में से 40 डीजल इंजनों का होगा नवीनीकरण

जोधपुर। भारतीय रेलवे द्वारा रेल परिसंपत्तियों के बेहतर रख-रखाव एवं दृश्यात्मक गुणवत्ता को बढ़ाने के महत्ती उद्देश्य से डीजल इंजनों के सौंदर्यीकरण की दिशा में निरंतर प्रयास के तहत भगत की कोठी लोको शेड में स्थित डब्लूडीपी 4 श्रेणी के डीजल इंजनों का पुनः पेंटिंग एवं सौंदर्यीकरण किया जा रहा है।

जोधपुर डीआरएम अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि वर्ष 2009-10 के दौरान कमीशन किए गए इन डीजल इंजनों का रंग लंबे समय तक निरंतर परिचालन के कारण फीका पड़ गया था,जिससे इनके बाहरी स्वरूप पर प्रभाव पड़ा। रेलवे प्रशासन ने इसे ध्यान में रखते हुए इंजनों को नए रंग-रूप में ढालने का निर्णय लिया,ताकि उनकी पहचान,आकर्षण एवं प्रस्तुति में सुधार किया जा सके।

वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर(डीजल) राजकुमार शर्मा ने इस संबंध में बताया कि डीजल इंजनों की पुनः पेंटिंग का कार्य 23 सितंबर 2025 से चल रहा है और अब तक भगत की कोठी लोको शेड के तीन डब्लूडीपी-4 बी डीजल इंजनों 40038,40034 एवं 40073 का सौंदर्यीकरण कार्य पूर्ण किया जा चुका है, जबकि इंजन संख्या 40044 पर कार्य प्रगति पर है। भगत की कोठी लोको शेड के 83 में से 40 लोको का पहले चरण में सौंदर्यीकरण किया जा रहा है।

रंगरोगन के पश्चात इंजनों को पुनः पटरी पर ट्रेन संचालन के लिए भेजा जा रहा है जो यात्रियों के साथ आम लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेंगे।

उन्होंने बताया कि सौंदर्यीकरण के दौरान उच्च गुणवत्ता वाले पेंट, मानक रंग योजना तथा आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे इंजनों की सतह की सुरक्षा के साथ-साथ उनके सेवा जीवन में भी वृद्धि होगी।

शर्मा के अनुसार डीज़ल इंजनों का सौंदर्यीकरण केवल बाहरी सुंदरता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह रेल परिसंपत्तियों के संरक्षण,कर्मचारियों के मनोबल में वृद्धि तथा यात्रियों में सकारात्मक छवि निर्माण का भी महत्वपूर्ण माध्यम है।

दस इलेक्ट्रिक लोको का भी होगा सौंदर्यीकरण

डीजल इंजन के साथ-साथ लोको शेड में उन दस इंजनों का भी पेंटिंग से सौंदर्य संवारा जाएगा जो भगत की कोठी डीजल शेड को अन्य जोनों से प्राप्त हुए हैं।

रेलवे परिसंपत्तियों के उचित रखरखाव का संदेश

डीआरएम का कहना है कि इस पहल की रेलवे कर्मचारियों एवं आमजन द्वारा सराहना की जा रही है। इससे न केवल डीज़ल इंजनों का स्वरूप निखरा है,बल्कि भारतीय रेलवे की गुणवत्तापूर्ण रख-रखाव एवं आधुनिक दृष्टिकोण की झलक भी सामने आई है।