छत्तीसगढ़ में ‘देसिया–परदेसिया’ भाव अस्वीकार्य, सभी सनातनी महतारी की संतान हैं* 


जातिवाद-भाषावाद-प्रांतवाद के विरुद्ध सर्वसम्मत संकल्प

धमतरी | दिनांक 16 दिसंबर 2025 (मंगलवार)
पसंवाददाता प्रान्त निदेशक रमा शंकर श्रीवास्तव ने विशेष संवाद दिया की सर्व समाज समन्वय महासभा, छत्तीसगढ़ की जिला धमतरी कार्यकारिणी की बैठक आज निम्न सदन में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता महासभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ.) संजीव वशिष्ठ की गरिमामयी उपस्थिति में हुई। बैठक के दौरान छत्तीसगढ़ में सामाजिक समरसता, एकता, सद्भाव एवं समानता विषय पर विशेष चर्चा सत्र आयोजित किया गया।चर्चा उपरांत सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि विगत दिनों छत्तीसगढ़ में राजनीतिक महत्वकांशा से छत्तीसगढ़ के महान समरस समाज को विभाजित करने के उद्देश्य से जातिवाद, भाषावाद एवं प्रांतवाद की जो दुर्भावनापूर्ण प्रवृत्तियाँ की गई हैं अथवा की जा रही हैं, उन्हें महासभा दुर्भाग्यपूर्ण मानती है और ऐसी किसी भी विभाजनकारी सोच को मान्यता नहीं देगी।महासभा ने यह स्पष्ट निर्णय लिया कि छत्तीसगढ़ की माटी, परंपरा, संस्कृति, तीज-त्योहार, जल-जंगल-जमीन, बोली-भाषा एवं ग्रामीण जीवन का सम्मान करने वाला प्रत्येक व्यक्ति छत्तीसगढ़िया है और छत्तीसगढ़ का अभिन्न अंग है। बैठक में यह भाव भी सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया कि छत्तीसगढ़ महतारी भारत माता का महतारी स्वरूप ही हैं, जो हरी साड़ी एवं धान की बालियों से सुसज्जित होकर अपने समस्त संतानों का पोषण करती हैं।बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि छत्तीसगढ़ के सभी सनातनी हिंदू एक ही महतारी की संतान हैं तथा आपस में भाई-भाई, सहोदर हैं। हिंदू सनातनियों के बीच ?देसिया-परदेसिया? की दुर्भावना फैलाने वालों एवं ऐसी मानसिकता को महासभा ने स्पष्ट रूप से दुर्भाग्यपूर्ण बताया तथा कहा कि छत्तीसगढ़ का सर्व समाज ऐसी विभाजनकारी सोच को स्वीकार नहीं करता। इस विषय पर आगे विस्तृत विमर्श एवं दिशा-निर्देशन हेतु उच्च सदन की बैठक शीघ्र आयोजित की जाएगी। उल्लेखनीय है कि धमतरी जिला कार्यकारिणी द्वारा पूर्व उच्च सदन बैठक में ही धमतरी को जातिवाद-मुक्त जिला घोषित किया जा चुका है।साथ ही महासभा द्वारा संचालित सामाजिक समरस ग्राम अभियान को निरंतर जारी रखने का संकल्प लिया गया, ताकि छत्तीसगढ़ महतारी के समस्त अंचलों में उनकी सभी संतान एकता, सद्भाव एवं समानता से परिपूर्ण वातावरण में जीवन व्यतीत कर सकें।
बैठक में जिला अध्यक्ष पद्मिनी चंद्राकर, जिला संयोजक श्री दिलीप पटेल, सचिव चंद्राकला, अन्य पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित रहे। बैठक का समापन अंतिम निर्णयों की घोषणा के पश्चात भगवान श्रीराम से प्रार्थना, छत्तीसगढ़ महतारी की जय-घोष तथा राष्ट्रगीत ?वन्दे मातरम्? के साथ किया गया।