बालोतरा-पचपदरा नई रेल लाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे को मिली मंजूरी

बालोतरा-पचपदरा नई रेल लाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे को मिली मंजूरी

33 लाख रुपये की स्वीकृति से रिफाइनरी को मिलेगा रेल नेटवर्क से सीधा जुड़ाव

जोधपुर। केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राजस्थान में रेल नेटवर्क को और अधिक सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए बालोतरा से पचपदरा के बीच प्रस्तावित 11 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे (एफएलएस) को हरी झंडी प्रदान की है।

इस नई रेल लाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे के लिए 33 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। इसके साथ ही पचपदरा स्थित रिफाइनरी को रेल नेटवर्क के माध्यम से देश की मुख्य धारा से जोड़ने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। यह परियोजना न केवल पश्चिमी राजस्थान में औद्योगिक एवं आर्थिक गतिविधियों को गति देगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगी। दशकों पूर्व रेल मार्ग से कटे पचपदरा क्षेत्र में एक बार फिर रेल इंजन की गूंज सुनाई देने की उम्मीद जगी है।

देश की मुख्यधारा से जुड़ेगी रिफाइनरी

प्रस्तावित रेल लाइन के माध्यम से पचपदरा का बालोतरा,बाड़मेर तथा आसपास के क्षेत्रों से सीधा रेल संपर्क स्थापित होगा। इसके अतिरिक्त इस रेल मार्ग से जोधपुर,अहमदाबाद, दिल्ली एवं जयपुर की ओर भी सुगम संपर्क उपलब्ध होगा। यह नई रेल लाइन क्षेत्र को राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जोड़ने में निर्णायक भूमिका निभाएगी।

रेल लाइन के निर्माण से पचपदरा स्थित रिफाइनरी तक रेल मार्ग के माध्यम से आवागमन सरल होगा, जिससे कच्चे माल एवं तैयार उत्पादों के परिवहन में सुविधा मिलेगी। साथ ही व्यापार, कृषि, स्थानीय उद्योग एवं रोजगार के क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं विकसित होंगी।

सर्वे के उपरांत बनेगी डीपीआर

बालोतरा से पचपदरा के बीच प्रस्तावित 11 किलोमीटर नई रेल लाइन के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे पूर्ण होने के बाद परियोजना की वित्तीय एवं तकनीकी व्यवहार्यता के आधार पर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी। इसके पश्चात परियोजना को रेलवे बोर्ड की स्वीकृति हेतु प्रेषित किया जाएगा।

रेल सुविधाओं के विस्तार की दिशा में निरंतर प्रयास

रेलवे प्रशासन द्वारा विभिन्न क्षेत्रों को रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि क्षेत्रवासियों को अधिकाधिक रेल सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें और समग्र क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिल सके।