डॉ. लंकेश बापू ने शिव कथा सुनाई: 10 साल की उम्र में मां की उंगली और 100 साल जीने की उम्मीद छोड़ दें तो सुखी रहेंगे: डॉ. लंकेश बापू।

डॉ. लंकेश बापू ने शिव कथा सुनाई: 10 साल की उम्र में मां की उंगली और 100 साल जीने की उम्मीद छोड़ दें तो सुखी रहेंगे: डॉ. लंकेश बापू।

पाटन शहर में गोपेश्वर महादेव के जीर्णोद्धार के लिए आयोजित शिव कथा में इंटरनेशनल शिव कथा वाचक डॉ. लंकेश बापू ने शिव कथा सुनाई। बापू ने शिव कथा का महत्व समझाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

अनहिलपुर पाटन में पद्मनाभ मंदिर परिसर में स्थित 600 साल पुराने प्राचीन गोपेश्वर महादेव मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए नौ दिवसीय शिव कथा का आयोजन किया गया है। पहले दिन भव्य पोथी यात्रा के बाद राष्ट्रगान के साथ शिव कथा शुरू हुई।

इंटरनेशनल शिव कथा वाचक डॉ. लंकेश बापू ने कहा कि भगवान शिव की भक्ति तभी जागती है जब व्यक्ति का कल्याण होने वाला हो। भगवान कृष्ण ने श्रीमद् भगवत गीता में कहा है कि अगर कोई इंसान माघसर महीने में एक बार भी भगवान शिव का नाम ले लेता है, तो उसे करोड़ों का पुण्य मिलता है। महादेव का नाम लेने से मोक्ष मिलता है और महादेव अपने भक्तों के कर्जदार रहते हैं।

जितना पुण्य इंसान को नया मंदिर बनवाने से मिलता है, उतना ही पुण्य उसे मंदिर बनवाने से मिलता है। अगर कोई इंसान मंदिर बनवाने में एक रुपया भी दान करता है, तो उसकी 71 पीढ़ियां जाग जाती हैं। अगर कोई इंसान बचपन से लेकर बुढ़ापे तक समय पर त्याग करता है, तो वह सुखी हो जाता है।

अगर आप दस साल की उम्र में अपनी मां की उंगली छोड़ दें और 100 साल जीने की उम्मीद छोड़ दें, तो आप सुखी हो जाएंगे। अगर आप नौ दिन तक शिव कथा का रस पीएंगे, तो आपकी मनचाही इच्छा पूरी होगी। इस कथा में 108 दीयों की महाआरती का आयोजन किया गया था। कथा के यजमान परिवार ने महाआरती का लाभ उठाया। शिव भक्तों ने शिव कथा के पहले दिन कथा का आनंद लिया