SIR की पहली ड्राफ्ट लिस्ट में पाटन जिले से 56358 वोटर्स के नाम हटाए जाएंगे।

SIR की पहली ड्राफ्ट लिस्ट में पाटन जिले से 56358 वोटर्स के नाम हटाए जाएंगे।

पाटन जिले में SIR ऑपरेशन के दौरान अब तक कुल 56358 वोटर्स ऐसे मिले हैं जिनकी मौत हो चुकी है, जो डमी हैं, माइग्रेट कर चुके हैं और जो लापता हैं। इन सभी वोटर्स के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए जाएंगे। यानी इन वोटर्स के नाम ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं दिखेंगे।

पाटन जिले में नवंबर में शुरू हुआ SIR ऑपरेशन 1222 BLOs के ज़रिए ज़ोरों पर चल रहा है। यह ऑपरेशन 22 दिनों में 77.93 परसेंट पूरा हो चुका है।

इस ऑपरेशन को एनालाइज़ करते समय चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। पता चला है कि जिले की 4 विधानसभा सीटों से 19160 वोटर्स की मौत हो चुकी है। तो 31061 वोटर्स परमानेंटली माइग्रेट कर चुके हैं।

इतना ही नहीं, 3232 वोटर्स ऐसे भी नहीं मिले, जिनके नाम लिस्ट में थे। 3905 वोटर्स के डुप्लीकेट होने के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। 52,588 वोटर्स के नाम अभी की वोटर लिस्ट में हैं, लेकिन उनके या उनके रिश्तेदारों के नाम 2002 की वोटर लिस्ट में नहीं हैं। यानी, उनकी मैपिंग नहीं हुई है।

जिन वोटर्स के नाम मैपिंग नहीं हुई है, उन्हें सबूत देने होंगे

4 विधानसभा सीटों में कुल 52,588 वोटर्स के नाम मैपिंग नहीं हुई है। इनमें से पाटन में 15370, राधनपुर में 15037, चांसमा में 12,117 और सिद्धपुर में 10,064 वोटर्स के नाम मैपिंग नहीं हुई है, यानी, इन वोटर्स के नाम अभी की वोटर लिस्ट में हैं, लेकिन उनके या उनके रिश्तेदारों के नाम 2002 की लिस्ट में नहीं हैं, इसलिए अब उन्हें सबूत देने होंगे।

पाटन जिले में 29 और 30 नवंबर को वोटर लिस्ट करेक्शन के लिए स्पेशल कैंप लगेगा

वोटरों के लिए सर्विस को और आसान बनाने के लिए, पाटन जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में 29 और 30 नवंबर, 2025 को दो दिनों के लिए स्पेशल कैंप लगाए गए हैं। इन कैंप में वोटर अपने एन्यूमरेशन फॉर्म जमा कर सकेंगे और ज़रूरी डॉक्यूमेंट्स की डिटेल्स पर गाइडेंस ले सकेंगे। जिन वोटरों के एन्यूमरेशन फॉर्म अभी भी पेंडिंग हैं, वे इस स्पेशल कैंप का इस्तेमाल करें और एन्यूमरेशन फॉर्म ज़रूर जमा करें। यह कैंप दो दिन सुबह 11:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक चलेगा।

वोटरों के काम

माइग्रेटेड वोटर अपना नाम दर्ज कराने के लिए प्रूफ के साथ अप्लाई करें

डिप्टी डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर पार्थ गोस्वामी ने कहा कि जिन वोटरों की मौत हो चुकी है, जो हमेशा के लिए माइग्रेट हो गए हैं, डुप्लीकेट वोटर हैं, साथ ही जिन वोटरों से कॉन्टैक्ट नहीं हो पा रहा है, उनके नाम ड्राफ्ट लिस्ट में शामिल नहीं किए जाएंगे, लेकिन जिनसे कॉन्टैक्ट नहीं हो पा रहा है या जो माइग्रेट हो गए हैं, उनके नाम शामिल किए जाएंगे।

ऐसे वोटर सबूत के साथ ड्राफ्ट रोल के पब्लिकेशन के बाद फॉर्म-6 भरकर वोटर रजिस्ट्रेशन ऑफिसर के पास अपने नाम के रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई कर सकेंगे और वोटर रजिस्ट्रेशन ऑफिसर इस पर सही फैसला लेंगे।