Ghorakhapur News:ज्योतिषाचार्य श्लोक मणि त्रिपाठी फिर सुर्खियों में,बिहार चुनाव को लेकर की गई भविष्यवाणी उनके दावे के अनुसार हुई साकार

राजनीतिक परिदृश्यों को लेकर पूर्व में भी कई भविष्यवाणियाँ करने का दावा
चिराग पासवान को लेकर उनके अनुमान को भी समर्थकों ने सही ठहराया

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

गोरखपुर।सुप्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य श्लोक मणि त्रिपाठी एक बार फिर चर्चा में हैं। सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले त्रिपाठी का कहना है कि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर उनके द्वारा किए गए आकलन चुनाव परिणामों के बाद समर्थकों द्वारा काफी चर्चा में हैं।

त्रिपाठी ने दावा किया था कि बिहार के राजनीतिक वातावरण में कई उतार-चढ़ाव रहेंगे और जिसे लेकर उन्होंने अपने ?टोन टोनालिटी? तथा सांख्य सूत्रों के आधार पर आकलन प्रस्तुत किए थे। उनका कहना है कि वे जन्म विवरण उपलब्ध न होने के कारण किसी भी प्रत्याशी की विस्तृत कुंडली नहीं बना सके, लेकिन संख्यात्मक विश्लेषण के आधार पर उन्होंने चुनावी प्रतिस्पर्धा की दिशा का अनुमान लगाया था।त्रिपाठी ने अपने दावे में कहा था कि विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को चुनाव में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है और उनके अनुसार पूर्ण बहुमत की संभावना कम दिखाई दे रही है। चुनाव परिणाम आने के बाद समर्थक सोशल मीडिया पर यह कहते देखे गए कि त्रिपाठी का दावा उनके अनुसार सटीक बैठा।ज्योतिषाचार्य श्लोक मणि त्रिपाठी ने दावा किया है कि इससे पहले भी उन्होंने कई सामाजिक-राजनीतिक घटनाओं पर पूर्वानुमान दिए थे जिनका असर बाद में देखने को मिला। समर्थक इन्हें उनकी विद्या और अनुभव का परिणाम बताते हैं।त्रिपाठी का कहना है कि वे किसी भी राजनीतिक दल या नेता से प्रभावित नहीं रहते, बल्कि केवल उपलब्ध संख्यात्मक संकेतों के आधार पर अध्ययन करते हैं। उनके अनुसार राजनीति, अर्थव्यवस्था और सामाजिक परिस्थितियों पर आधारित विश्लेषण केवल ज्योतिष की एक पद्धति की तरह है, जिसे लोग अपनी रुचि अनुसार देखते हैं।

चिराग पासवान को लेकर किए गए उनके आकलन को भी समर्थकों ने चुनाव परिणामों के बाद सही माना। त्रिपाठी के अनुसार उन्हें संकेत मिले थे कि पासवान के नेतृत्व को इस चुनाव में सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं और उनके समर्थकों ने बाद में इस दावे को परिणामों से जोड़कर चर्चा में रखा।त्रिपाठी का कहना है कि वर्तमान समय में लोग परंपरागत ज्योतिष के साथ-साथ संख्यात्मक एवं विश्लेषणात्मक पद्धतियों को भी महत्व दे रहे हैं। उनका दावा है कि यदि तथ्यात्मक अध्ययन और सांख्यिकीय संकेतों का संयोजन किया जाए, तो सामाजिक घटनाओं के बारे में कई बार सटीक निष्कर्ष मिल जाते हैं।उन्होंने कहा कि चुनाव जैसे बड़े आयोजनों में जनता के मिज़ाज और राजनीतिक हलचल को समझने के लिए केवल ज्योतिष ही नहीं, बल्कि परिस्थितिगत विश्लेषण भी ज़रूरी है। उनकी मान्यता है कि भविष्यवाणी का उद्देश्य किसी को नीचे दिखाना या बढ़ावा देना नहीं, बल्कि परिस्थितियों का आकलन करना है।त्रिपाठी ने भविष्य में भी सामाजिक-राजनीतिक परिस्थितियों पर अपने अध्ययन जारी रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि जनता का विश्वास उन्हें लगातार और बेहतर अध्ययन करने की प्रेरणा देता है।पूरे घटनाक्रम ने श्लोक मणि त्रिपाठी को एक बार फिर क्षेत्रीय और सोशल मीडिया की सुर्खियों में ला दिया है, जहाँ उनके समर्थक उनकी भविष्यवाणियों पर चर्चा कर रहे हैं।