छत्तीसगढ़ की 36 देवियों का सजा दिव्य दरबार: चंपारण में श्रद्धा का अनोखा संगम, दूर-दराज से उमड़ रहे भक्त

गरियाबंदशारदीय नवरात्रि के पावन पर्व में पूरे प्रदेश में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना का दौर चल रहा है। देश सहित समूचा क्षेत्र माँ दुर्गा के भक्ति भाव में लीन है। विभिन्न स्थानों में पंडाल लगाकर माता की भक्ति की जा रही है। लोग माता के दर्शन के लिए जतमई, घटारानी ,डोंगरगढ़, खल्लारी, बागबहारा के मंदिरों में पहुंच रहे है।

वहीं गोबरा नवापारा क्षेत्र के धर्मनगरी चंपारण में ?श्री आदर्श दुर्गा उत्सव? द्वारा सभी माताओं को एक ही स्थान पर विराजित कर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया है। यहां स्थापित 36 देवियों का भव्य-दिव्य दरबार न केवल आस्था का प्रतीक बन गया है, बल्कि ग्रामीण भक्तों के लिए एक वरदान साबित हो रहा है। जो विभिन्न जगहों पर दर्शन के लिए नहीं पहुंच पा रहे वे यहाँ पहुंचकर दर्शन लाभ ले रहे है।

श्रद्धालु हो रहे भक्ति भाव से अभिभूत

गांव-गांव और शहर-शहर में मातृशक्ति के पंडाल सजाए गए हैं, जहां भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार पूजा कर रहे हैं। लेकिन चंपारण के इस विशाल पंडाल में छत्तीसगढ़ महतारी के साथ-साथ प्रदेश के कोने-कोने से विराजमान 36 देवियों की प्रतिमाएं एक साथ स्थापित की गई हैं। यह दृश्य इतना मनोरम है कि देखने वाले श्रद्धालु भक्ति भाव से अभिभूत हो जाते हैं।

समिति के सदस्य ओमप्रकाश साहू ने बताया, ग्रामीण क्षेत्रों के भक्त नवरात्रि के दिनों में दूर-दराज के प्रसिद्ध मंदिरों तक नहीं पहुंच पाते। इसलिए हमने यह योजना बनाई कि सभी 36 देवियों का दर्शन एक ही स्थान पर उपलब्ध हो। इससे भक्तों को पूर्ण लाभ मिलेगा। यह आयोजन श्री आदर्श दुर्गा उत्सव समिति द्वारा किया जा रहा है, जिसमें ग्रामीण सहयोग से पंडाल को भव्य रूप दिया गया है। समिति सदस्य उमेश ने कहा, माताओं के इस दिव्य दरबार को देखने के लिए हजारों श्रद्धालु न केवल स्थानीय क्षेत्र से, बल्कि विभिन्न जिलों से पहुंच रहे हैं। भक्तों की भारी भीड़ देखकर हमें अपार प्रसन्नता हो रही है।

आयोजक समिति में ओमप्रकाश, हेमलाल, बसंत गुरुजी, टोमन, उमेश, मिथिलेश, कुंजलाल, भागवत, चुम्मन गुलशन, पोशु खूबलाल, विजय और यशवंत जैसे सक्रिय सदस्य शामिल हैं। ग्रामवासियों के सहयोग से यह नवरात्रि विशेष रूप से यादगार बन रही है।