Kanpur-साढ़ थाना मे चलती है लकड़ी ठेकेदारों व कट्टू पशुओं के ब्यापारियों की....….

साढ़- थाने के सामने से अवैद्ध लकड़ी/भैंस लदे वाहन घड़ल्ले से निकलते हैं.?....

:-कट्टू भैस लाद कर दर्जनों वाहन घटमपुर से साढ़ होते हुए महराजपुर के लिए जाते हैं......
:-जानकारी के अनुसार विघनू थाना प्रभारी के बंद करा देने से रास्ता बदल कर जाते हैं......

भीतरगांव। जनपद कानपुर नगर के साढ़ थाना क्षेत्र मे सभी प्रकार के अवैध काम धड़ल्ले से हो रहे हैं रविवार को थाने से मात्र पचास मीटर दूर लकड़ी का थोक का काम करने वाला सचौली निवासी बड़े खान दो पिक-अप अवैद्ध लकड़ी आम की लाद कर सचौली की ओर जा रहा था जैसे ही गाड़ी आगे बढ़ी ही थी कि पीछे से हमने आकर गाड़ी रुकवा कर पूछा कि किसकी लकड़ी है पिक-अप चालक ने बताया कि लकड़ी बड़े सचौली निवासी की है बात करते समय बड़े भी मौके पर पहुंच गए तो मेरे द्वारा पूंछा कि लकड़ी कहां से आयी है और किसकी है तो बड़े ने बताया कि यह लकड़ी हमने खरीदी थी और यह नम्बर एक मे हैं तो मेरे द्वारा कागज मागे गए तो उसने कहा कि कागज पुलिस से जाकर मागों हमने कहा टीपी तो होगी तो फिर उसने पुलिस का नाम लेते हुए कहा उन्ही से जाकर लेलो, और गाड़ियों का कांटा कराने लगा तब तर हमने थाना प्रभारी अवनीश कुमार से आकर पूरी बात बताते हुए कहा कि कांटा करा रहा है तो थाना प्रभारी ने हमे जवाब देते हुए बताया कि वैसे तो लकड़ी का मामला हमारे अंडर मे नहीं आता इसक विषय मे बन विभाग से बात करो इस मामले मे हम कुछ नहीं कर सकते जब कि वहीं बरुई अकबरपुर गांव मे एक अज्ञात ठेकेदार पुलिस की ठेकेदारी मे आम का खड़ा पेड़ काट रहा है तब उससे पुलिस ने बन विभाग से पूछने को नहीं कहा और शुबह से कुल्हाड़ा धड़ल्ले से चल रहा था ठेकेदार ने बताया कि पुलिस से बात कर के कटान लगा दी जाती है वन विभाग की टीम यहां आती ही कब है हां एक बात जरूर क
है कि थाने मे छोटा से बड़ा कोई भी कार्यक्रम होता है तो उसमे बड़े ठेकेदार दिल खोल कर रुपए खर्चा करता है और बीच बीच कुछ एक मामलों मे समझौता भी करा देता है जिसमे अच्छी खासी पुलिस को कमाई भी हो जाती है कुल मिला कर बड़े ठेकेदार ने साढ़ पुलिस थाने को लगभग खरीद रख्खा है।
वहीं एक अन्य घटना मे विधनू पुलिस के कट्टू जानवरों की गाड़ी नही निकलने देने से बड़े बड़े ठेके दारों ने साढ़ थाना को सेट किया जिसमे लगभग प्रति दिन के हजारों रुपए थाने मे पहुंचते हैं वही ठेके दार महराजपुर थाना क्षेत्र का ही होने के चलते वहा बड़ी ही आसानी से काम बना लिया जिससे कट्टू जानवरों का रूट बदन कर घाटमपुर स साढ़ होते हुए महराजपुर से जाजमऊ मे प्रवेश कर जाते हैं जिससे कट्टू जानवरों का काम करने वालों का काम दो चार दिन बंद रहने के बाद पुन: फिर धड़ल्ले से चालू हो गया है इस सम्बंध मे भी पूछने पर सायद प्रभारी जी पशु पालन विभाग से बात करने की बात कहेंगे इस लिए इस सम्बंध मे उनसे पूंछा ही नहीं गया।