* पर्यावरण एवं गणपति का रखें मान:- श्री राजेश्वरानंद *

दिल्ली , पूर्वी दिल्ली 26 अगस्त:~गणेश विसर्जन सम्मान से करें अन्यथा गणेश,सनातन धर्म,पर्यावरण के साथ भाग्य की होगी हानि यह संदेश दिया गया गणेशोत्सव से पहले विशेष संदेश दिया गया स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज द्वारा गोरख पार्क शाहदरा दिल्ली स्थित श्री राजमाता झंडेवाला मंदिर समूह के परमाध्यक्ष द्वारा।

सदगुरु राजदरबार के प्रबंधक राम वोहरा ने बताया कि गणेशोत्सव से पहले विशेष संदेश देते हुए स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज ने कहा कि *" आगामी दिनों में गणेशोत्सव मनाने का समय आ रहा है घर एवं सार्वजनिक रूप से जगह जगह पर गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना की जाएगी लेकिन इस स्थापना से पहले सम्मानित एवं सुरक्षित ढंग से विसर्जन सुनिश्चित किया जाए।ऐसा न हो कि हम पहले तो घर परिवार में गणेश जी का इतना पूजा पाठ कर्मकांड अर्चना से स्वागत करें और फिर विसर्जन के समय ऋद्धि सिद्धि के दाता गणेश जी एवं सनातन संस्कृति को अपमानित होना पड़े।इससे सिर्फ गणेश,सनातन संस्कृति ही अपमानित नहीं होंगे बल्कि हम इतने दिन शुभकर्म करने के बाद शुभफल की प्राप्ति से वंचित होकर दुर्भाग्य को प्राप्त कर लेंगे।

स्वामी राजेश्वरानंद जी महाराज ने कहा कि जिस जल से हम आचमन या स्नान तो दूर की बात है हम हाथ धोना भी पसंद नहीं करते उसमें अपने आराध्य देव को विसर्जन क्यों करें?इससे सिर्फ गणेश जी का ही अपमान नहीं होता बल्कि पर्यावरण का भी बहुत बड़ा नुकसान होता हैं जिससे हमारा एवं हमारे बच्चों के भविष्य का सुखद निर्माण होना है।गणेश विसर्जन के बाद नदी किनारे गणेश प्रतिमा के अलग अलग टुकड़ों पर गंदगी फैलाते हुए पशु पक्षी को देखकर कोई विधर्मी मजाक का कारण नहीं बना रहा बल्कि मजाक का कारण हम स्वयं बना रहे है।इस प्रकार से क्या गणेश जी का सम्मान हुआ?क्या आप गणेश जी से शुभफल की उम्मीद कर सकते हैं?अगर आप गणेशजी का सम्मान करके आशीर्वाद चाहते है तो आप मिट्टी के गणेशजी की छोटी प्रतिमा बनाकर पूजा के बाद उसे बड़े ड्रम,पात्र आदि में इत्र,गुलाब पुष्पों,सुगंध से परिपूर्ण करके जल में विसर्जन करें और फिर उसी जल को अपने घर के या नजदीक पार्क के पौधों में विसर्जन करें जिससे वह गणेश जी सदा हमारी आंखों के सामने हंसते खेलते हुए दिखाई देते रहेंगे।दूसरी तरफ जो लोग सार्वजनिक रूप से भी गणेश स्थापना कर रहे है उन्हें भी पूजा के लिए बड़े गणेशजी लेकिन विसर्जन के लिए छोटे से गणेश प्रतिमा की स्थापना करके उसका विसर्जन करना चाहिए।इससे सनातन संस्कृति,गणेशजी, पर्यावरण को तो सम्मान लाभ प्राप्त होगा ही साथ में समय,पैसा का बचाव,ट्रैफिक जाम समस्या का हल,विसर्जन के समय होने वाली दुर्घटना से बचाव आदि अनेक फायदे साफ दिखाई दे रहे हैं।ओर फिर इनसे जिस पैसे का बचाव होगा गणपति ज्ञान सर्वप्रथम माता पिता की पूजा के रूप में उस पैसे से बुजुर्गों माता पिता की सेवा में लगाया जाए जिससे गणेशजी का ज्ञान भी हमारे जीवन में नई दिशा और दशा प्रदान करेगा।

स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज ने बताया कि श्री राजमाता झंडेवाला मंदिर के भक्तों द्वारा खोया,सूखे मेवे आदि से गणेश प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है और फिर उसे दूध के बड़े पात्र में विसर्जन करने के बाद उसकी खीर प्रसाद बनाया जाएगा जोकि प्रसाद रूप में वितरण किया जाएगा।इससे गणेश सम्मान तो मिला ही साथ में हमारे शरीर में गणेश प्रसाद के रूप में बल,बुद्धि,विद्या की स्थापना होगी जिससे रिद्धि सिद्धि निरंतर बढ़ती ही जाएगी।

राम वोहरा 9212315006