देवेंद्र सिंह बने अलीपुरद्वार रेल मंडल (पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे) के मंडल रेल प्रबंधक

देवेंद्र सिंह बने अलीपुरद्वार रेल मंडल (पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे) के मंडल रेल प्रबंधक

प्रयागराज भारतीय रेल अभियन्ता सेवा (IRSE) 1995 बैच के वरिष्ठ अधिकारी देवेंद्र सिंह का भारतीय रेल में प्रोन्नति पर पुनर्वापसी हुई है। उन्हें पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के अलीपुरद्वार मंडल का मंडल रेल प्रबंधक नियुक्त किया गया है। इस नियुक्ति से पूर्व वे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड , प्रयागराज में मुख्य महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने 18 अगस्त को यह पदभार त्याग कर अपनी नई जिम्मेदारी संभाली।

डीएफसीसीआईएल में उल्लेखनीय योगदान

देवेंद्र सिंह ने भारतीय रेल में 28 दिसम्बर 1998 को सेवा प्रारंभ की।

अपने प्रथम कार्यकाल में (14 अक्टूबर 2013 से 13 नवम्बर 2017 तक) उन्होंने प्रयागराज इकाई में उप मुख्य परियोजना प्रबंधक (इंजीनियरिंग) के रूप में कार्य किया। इस दौरान उन्होंने ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण चरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और ज़मीन अधिग्रहण, यार्ड लेआउट तथा विभिन्न स्टेशनों एवं खंडों के कमीशनिंग का कार्य जिला प्रशासन के साथ घनिष्ठ समन्वय कर सम्पन्न कराया।

डीएफ़सीसीआईएल ने कानपुर में अत्याधुनिक रनिंग रूम और क्रू लॉबी का शुभारंभ किया

डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (DFCCIL) ने परिचालन दक्षता और कर्मचारी कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। कानपुर में आधुनिक रनिंग रूम और क्रू लॉबी का उद्घाटन किया गया है। जीएम (कोऑर्डिनेशन-सिविल), जो बाद में प्रयागराज के मुख्य महाप्रबंधक (सीजीएम) बने, के नेतृत्व में तैयार यह परियोजना, पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) पर अपनी तरह की पहली सुविधा है, जिसमें आधुनिक तकनीक और सतत विकास के नवाचारों का अनूठा मेल देखने को मिलता है।

आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित भवन

सात हज़ार दो सौ बयालीस वर्ग मीटर (7242.55 sqm) क्षेत्र में बना यह जी+4 भवन लगभग 300 बिस्तरों की क्षमता वाला है, जिसमें से 160 बिस्तर पूरी तरह क्रियाशील हैं और शेष का कार्य प्रगति पर है। यह सुविधा न केवल ट्रेन संचालन में लगे कर्मचारियों को आरामदायक और आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराती है, बल्कि कर्मचारियों के कार्य-घंटों में भी बड़ा परिवर्तन लाती है। पहले 12 से 14 घंटे तक खिंचने वाली ड्यूटी अब लगभग 50% तक कम हो गई है, जिससे कर्मचारियों की कार्यकुशलता और मनोबल बढ़ा है तथा ट्रेन संचालन में उनकी उपलब्धता अधिक हो गई है।

विशेष आकर्षण:

  • डबल हाइट लॉबी और क्रू वेटिंग एरिया
  • सिम्युलेटर रूम, मॉडल रूम, सीसीसी रूम, सीएलआई रूम और अधीनस्थ कार्यालय
  • प्रथम तल पर कॉन्फ्रेंस हॉल (12m x 5m), योग कक्ष (8m x 5m), पांच महिला कक्ष अटैच टॉयलेट सहित और 26 अन्य कक्ष
  • सम्पूर्ण परिसर में वाई-फाई सुविधा
  • उन्नत सुरक्षा सिस्टम: 42 सीसीटीवी कैमरे, फायर-फाइटिंग और अलार्म सिस्टम

ऊर्जा दक्षता और हरित पहल

यह रनिंग रूम सतत विकास का उत्कृष्ट उदाहरण है। छत और पार्किंग क्षेत्र पर लगाए गए सोलर पैनल सालाना 821,000 KWH बिजली उत्पादन करेंगे (लगभग 68,400 KWH मासिक अथवा 2,249 KWH प्रतिदिन)। साथ ही भवन को ऊर्जा दक्ष माना गया है और इसमें वर्षा जल संचयन प्रणाली, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, विद्युत उपकेंद्र तथा डीजी बैकअप की सुविधा है। वाहन पार्किंग के लिए 2990 वर्गमीटर क्षेत्र निर्धारित किया गया है। परिसर में 1000 पेड़ तथा औषधीय पौधों और झाड़ियों का भी रोपण किया गया है, जो पर्यावरणीय संतुलन और सौंदर्य दोनों में योगदान देगा।

संचालन पर प्रभाव

इस नई व्यवस्था के शुरू होने से ट्रेन संचालन की क्षमता और दक्षता में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है। आधुनिक सुविधाएँ, हरित उपाय और कर्मचारियों के आराम की सोच से तैयार यह मॉडल सुविधा, ईडीएफ़सी को विश्वस्तरीय मालवाहक कॉरिडोर बनाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 300 लोको पायलट व गार्ड नई कानपुर क्रू लॉबी में विश्राम कर रहे हैं।

महाकुंभ 2025 में इंजीनियरी उत्कृष्टता

महाकुंभ 2025 के दौरान, जब विशेष यात्री गाड़ियों और मालगाड़ियों के संचालन हेतु बड़ी संख्या में अतिरिक्त लोको पायलटों और गार्डों की आवश्यकता थी, उस समय श्री सिंह ने रिहायशी क्षेत्र में 60 अतिरिक्त बेडरूम की व्यवस्था कराई। इससे निर्बाध यात्री व माल परिवहन सम्भव हो सका।

इसके अलावा उन्होंने डीएफसीसीआईएल अधिकारी विश्रामगृह, सूबेदारगंज के निर्धारित समय में निर्माण व उद्घाटन को भी सुनिश्चित किया।

दूरदर्शी सिविल इंजीनियर

देवेंद्र सिंह अपनी इंजीनियरिंग दक्षता, दूरदर्शिता, और विभिन्न एजेंसियों के साथ सामंजस्यपूर्ण समन्वय के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने पारेषण निगमों (पावर कॉर्पोरेशन) व राज्य सरकार से समन्वय कर रेलवे परियोजनाओं हेतु भरोसेमंद और निर्बाध विद्युत आपूर्ति व्यवस्था भी सुनिश्चित की, जो परिचालन के लिहाज़ से अत्यधिक जरूरी थी।

नया दायित्व ? डीआरएम, अलीपुरद्वार

अब मंडल रेल प्रबंधक, अलीपुरद्वार के रूप में सिंह से अपेक्षा की जा रही है कि वे अपने व्यापक परियोजना अनुभव और इंजीनियरी विशेषज्ञता के आधार पर मंडल में परिचालन क्षमता में वृद्धि, यात्री सुविधाओं के विस्तार और बुनियादी ढांचे के सुदृढ़ीकरण को और गति देंगे। यह मंडल भौगोलिक व परिचालन दृष्टि से अत्यंत चुनौतीपूर्ण माना जाता है।

डीएफसीसीआईएल की शुभकामनाएँ

डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (DFCCIL) ने श्री देवेंद्र सिंह को उनके नये दायित्व हेतु हार्दिक शुभकामनाएँ दी हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करती है।

देवेंद्र सिंह को भावभीनी विदाई एवं शुभकामनाएँ दी गईं। इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक प्रयागराज ए. बी. सरन, महाप्रबंधक सुरक्षा आशीष मिश्र, महाप्रबंधक विद्युत शशिकांत द्विवेदी, अपर महाप्रबंधक (परिचालन और व्यवसाय विकास/ईडीएफ़सी) मन्नु प्रकाश दुबे सहित डीएफ़सीसी के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। सभी ने देवेंद्र सिंह को भावपूर्ण विदाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।