प्रधानमंत्री आवास योजना ने संवरी ज़िंदगी – तालदेवरी की पदमनी बाई के चेहरे पर लौटी मुस्कान

जांजगीर-चांपा, छत्तीसगढ़।

ग्राम पंचायत तालदेवरी की 79 वर्षीय श्रीमती पदमनी बाई पति स्व. गजराम साहू की कहानी उन हजारों लाभार्थियों की मिसाल बनकर सामने आई है, जिनका जीवन केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं से सकारात्मक रूप से बदल गया। कभी मिट्टी और टीन की झोपड़ी में जीवन यापन करने वाली पदमनी बाई आज एक सुरक्षित, पक्के और आत्मगौरव से भरे मकान में निवास कर रही हैं और इसका श्रेय जाता है प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) को।

### पति के निधन के बाद टूटा संबल, फिर मिली आवास योजनाकी संजीवनी

वर्ष 2022 में पति गजराम साहू के निधन के बाद पदमनी बाई का जीवन आर्थिक और मानसिक रूप से बिखर गया था। जीवन की ढलान पर खड़ी यह वृद्ध महिला एक कच्चे मकान में बड़ी कठिनाइयों से दिन काट रही थीं। बारिश, गर्मी और ठंडी हर मौसम उनके लिए एक संघर्ष था। इसी बीच ग्राम पंचायत स्तर पर चल रहे सर्वेक्षण में जब उनकी पात्रता प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत हुई, तो जैसे उनका जीवन एक नई उम्मीद से भर उठा।

### तीन किश्तों में मिला लाभ, तैयार हुआ पक्का मकान

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें कुल 1,20,000 रुपए की सहायता राशि तीन किश्तों में प्राप्त हुई:

* प्रथम किश्त: ₹40,000

* द्वितीय किश्त: ₹60,000

* तृतीय किश्त: ₹20,000

मनरेगा, शौचालय और उज्ज्वला योजना से मिला बहुपक्षीय सहयोग

प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ-साथ शासन की अन्य योजनाओं ने भी पदमनी बाई के जीवन को सरल और स्वाभिमानी बनाया। उन्हें मनरेगा के अंतर्गत 90 दिवस की मजदूरी मिली, जिससे निर्माण कार्य में सहारा मिला। वहीं, स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण के लिए राशि प्रदान की गई, जिससे उनके घर में शौचालय की सुविधा भी सुनिश्चित हुई।

उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन और चूल्हा मिलने से अब उन्हें खाना पकाने के लिए लकड़ी या गोबर के ईंधन पर निर्भर नहीं रहना पड़ता, जिससे उनका स्वास्थ्य और सुविधा दोनों बेहतर हुए हैं।

पेंशन और महतारी वंदन योजना ने दिया जीवन को स्थायित्व

श्रीमती पदमनी बाई को वृद्धावस्था पेंशन योजना से मासिक सहायता मिल रही है, जिससे उनकी बुनियादी ज़रूरतें पूरी होती हैं। इसके साथ ही उन्हें महतारी वंदन योजना से भी लाभ मिल रहा है, जो उनके लिए नियमित सहारा बन चुका है।

"मोला आवास, सम्मान अऊ सहारा तीनों मिले एक संग"

भावविभोर होकर पदमनी बाई कहती हैं

"मोला अब डर नइ लागय। मोर घर ह पक्का होगे, मनरेगा ले मजदूरी मिलिस, गैस चूल्हा ले खाना बनाथं, अऊ पेंशन ले दवाई संग रोजी-रोटी चलथय। जय जोहार प्रधानमंत्री अउ मुख्यमंत्री ला।"

उनकी आंखों में चमक, चेहरे पर संतोष और बातों में आभार ? यह सब दर्शाता है कि सरकार की योजनाएं यदि पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ लागू हों, तो गरीब और असहाय जनों का जीवन वास्तव में बेहतर हो सकता है।

तालदेवरी ग्राम पंचायत में योजनाओं की सफलता का प्रतीक बनीं पदमनी बाई

श्रीमती पदमनी बाई की कहानी ग्राम पंचायत तालदेवरी के लिए प्रेरणा है। ग्राम पंचायत के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों, सचिव, रोजगार सहायक और पंचायत कर्मचारियों ने समय पर योजना की जानकारी, आवेदन, स्वीकृति और क्रियान्वयन की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूर्ण किया।

यह उदाहरण सरकार, पंचायत और समाज के सामूहिक प्रयास की सफलता को दर्शाता है, जिससे यह संदेश स्पष्ट होता है कि अगर हर जरूरतमंद तक योजना का लाभ समय पर पहुँचे, तो 'सबका साथ, सबका विकास' और 'गांव का विकास' केवल नारा नहीं, जमीनी सच्चाई बन सकता है।

रिपोर्ट: विशेष संवाददाता समीर खूंटे, जांजगीर-चांपा