Chandauli News:तपती दोपहरी में सपा नेता टोनी खरवार की तपस्या: वनांचल के बनवासियों संग घर-घर पहुंचा रहे पीडीए का संदेश

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

चकिया।जहां एक ओर शनिवार की दोपहर तपती धूप और उमस से आम लोग छांव की तलाश में दुबके हुए थे, वहीं 383 विधानसभा क्षेत्र के मुसाखाड़ व अन्य क्षेत्रों के जंगलों और गांव की गलियों में एक नाम गर्म हवाओं को चीरता हुआ गूंज रहा था टोनी खरवार।

समाजवादी पार्टी के उभरते हुए नेता टोनी खरवार न सिर्फ अपनी पार्टी की विचारधारा को लेकर लोगों के बीच जा रहे हैं, बल्कि ?पीडीए? (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) अभियान को भी अपनी आत्मा की तरह जी रहे हैं। जंगलों के छोर, मिट्टी के घर, धूल भरी गलियों और टीन की छतों के नीचे टोनी खरवार हर वर्ग, हर चेहरे से संवाद कर रहे हैं।बनवासी समाज के बच्चों को गोदी में उठाकर, बुजुर्गों के पाँव छूकर और महिलाओं से सम्मानपूर्वक हाथ जोड़कर।

*नेता नहीं, सेवक की तरह दिखा टोनी का अंदाज़*
राजनीतिक चश्मे से देखें तो यह प्रचार है, लेकिन जमीनी हकीकत में यह एक युवा नेता की तपस्या जैसा प्रतीत होता है। टोनी खरवार न तो एसी गाड़ी में बैठकर प्रचार करते हैं, न ही भारी भरकम मंचों पर भाषणों से अपनी बात रखते हैं ? उनका मंच हैं गांवों की गलियां और उनके पोस्टर हैं लोगों की आंखों में झलकता भरोसा।एक ग्रामीण महिला ने बताया कि यह पहला नेता है जो बच्चों को गोदी में उठाकर बात करता है, हमें लगता है ये हमारे अपने हैं। इनसे डर नहीं, अपनापन लगता है।टोनी खरवार गांव-गांव जाकर पीडीए (PDA) की अवधारणा को महिलाओं, युवाओं और किसानों तक पहुंचा रहे हैं।

वहीं टोनी खरवार ने बताया कि यह गठबंधन पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों को सम्मान, अवसर और अधिकार दिलाने की लड़ाई है।हर घर में हक़ की बात होनी चाहिए, डर और भेदभाव नहीं। समाज को जोड़ने का नाम है पीडीए।टोनी खरवार ने बताया कि उनका खास फोकस बनवासी समाज पर है, जो वर्षों से सामाजिक व राजनीतिक उपेक्षा का शिकार रहा है। वे न सिर्फ उनके मुद्दों को समझते हैं, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे विषयों को लेकर क्षेत्रीय नेताओं से अलग, जमीनी सुझावों के साथ संवाद कर रहे हैं।गांव के एक बुजुर्ग ने बताया कि जब नेता टोनी आता है, तो ऐसा लगता है जैसे हमारा बेटा आया है। वो दुआ लेता नहीं, पहले हमें दुआ देता है।?

*राजनीति से परे मानवीय संबंधों का निर्माण:*
टोनी खरवार की राजनीतिक यात्रा में भावनाओं का गहरा जुड़ाव है। वह प्रचार नहीं, बल्कि लोगों के दिलों में विश्वास बो रहे हैं। बच्चों के साथ हँसी-मज़ाक, युवाओं से रोजगार की बात, और महिलाओं से सामाजिक सम्मान के मुद्दों पर चर्चा ये सब उन्हें महज नेता नहीं, जनसरोकार का वाहक बनाते हैं।

383 विधानसभा में धीरे-धीरे टोनी खरवार एक नाम नहीं, आंदोलन बनते जा रहे हैं।
गर्मी की लपटों के बीच उनकी लगन, बनवासी गलियों में उनकी उपस्थिति और पीडीए का संदेश आने वाले समय में इस क्षेत्र की राजनीतिक दिशा और सामाजिक संवाद दोनों को नई परिभाषा देने वाले हैं।