Kanpur-साढ़ थाना क्षेत्र मे प्रति दिन होता है लाखों रुपए का जुआं, कई जिले के आते हैं खिलाड़ी........

साढ़- क्षेत्र मे कई जगह होता है प्रति दिन लाखों का जुआं.......

:-आस-पास के कई जिलों के खिलाड़ी चार पहिया से आते हैं.....

भीतरगांव। जनपद कानपुर नगर के साढ़ थाना क्षेत्र की पुलिस चौकी भीतरगांव के अलग अलग कई गांवों मे पुलिस की मिली भगत से प्रति दिन लाखों का जुआं होता है परंतु कमाल इस बात का है कि आस-पास के कई जिलों से लगभग आधा दर्जन चार पहिया वाहन खिलाड़ियों को लेकर प्रति दिन आते हैं और कई कई घंटों गांवों के रोड पर खड़े रहते हैं फिर भी साढ़ पुलिस मामले से पूरी तरह अनभिग्यता जताती रहती है वहीं जब रिपोर्टर कही मौके पर जाने की तैयारी करते हुए आगे बढ़े तो जुआंड़ियों को तुरंत खबर हो जाती है और वर मौके से इधर उधर हो जाते हैं यही हाल बीते सुक्रवार को उदयीपुर गांव मे हुआ जब रिपोर्टर तैयारी करते हुए जुंआं के फड़ मे पहुंचना चाहा तो जुआड़ियों को पहले ही सूचना हो गयी और जब तक रिपोर्टर मौके पर पहुंचते जुआंड़ी गाड़ी सहित मौके से फरार हो चुके थे जुआं के इन कारोबारों मे भीतरगांव पुलिस पूरी तरह सामिल रहती है जिसकी सेटिंग चौकी के सामने होटल किए सुद्दन के द्वारा कराया जाता है जब कि पूरे गेम के ठेकेदार उदयीपुर गांव निवासी राजेश निषाद व अरविंद सिंह के साथ साथ पासीखेड़ा गांव निवासी सूरज सचान करते है जब कि इस सम्बंध मे भीतरगांव चौकी प्रभारी से पहले भी कई बार बात की गयी तो उन्होने अनभिग्यता जताते हुए किसी भी जुआंड़ी को न जानने के बात कही जब कि उसके बाद भी लगातार जुंआं होने के चलते थाना प्रभारी साढ़ अवनीश कुमार से भी बात की गयी तो वह भी मामले से अंजान होने की बात कही है और कहा कि सूत्र से मिलाओ तो कार्यवाही अवस्य की जाएगी जब कि हम पुलिस से यह पूछना चाहते हैं कि हर गांव मे चौकीदार क्या रिपोर्टरों ने रख रखे है जो सूत्र रिपोर्टर आप को दें फिर आपके सूत्र क्या कर रहे हैं जब जुआं कराने वालों का नाम भी गांव के लोग चरवाहा आदि चिल्ला चिल्ला के ले रहे है फिर भी कार्यवाही क्यों नहीं होती इसके पीछे जरूर कुछ न कुछ बड़ा राज होगा एक सिर्फ उदयीपुर गांव मे ही नहीं परड़ी लालपुर, तिवारीपुर, भेलसा व देवरा गांव के आस पास भी यही हाल रहता है आम जनता की माने तो जुएं के इस खेल मे क्षेत्रीय बड़े नेताओं के चहेते लोगों का हांथ रहता है इसी लिए वर्षों हो जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही जिससे सत्ता धारी पार्टी के सम्मान मे भी खुले आम दाग लग रहा है परंतु कागज के चंद टुकड़ों के लिए सब कुछ बेच देने पर लोग तुले है।
अब यहां सोचने की बात यह है कि सत्ताधारी नेताओं को इन खबरों से कोई फर्क पड़ता है कि नही अथवा वह भी बोटों के लालच मे शान्त बने रहेंगे क्यो कि क्षेत्र मे बहुत से ऐसे काम देखने को मिले है जिनमे सामने वाला व्यक्ति पूरी तरह गलत होने के बाद भी उसका नेता लोग पक्ष लेते देखे गए है जैसे कि ऐसा ही एक मामला तेलियावर गांव का सामने आया जिसमे आडियो भी वायरल हुआ बावजूद इसके क्षेत्रीय नेता उस गरीब अपाहिज ब्यक्ति का पक्ष न लेते हुए गांव के प्रधान व सिक्रेटी का पक्ष लिया जिन्होने विकलांग व्यक्ति से आवास के नाम पर पचास हजार रुपए अग्रिम ले लिए और न आवाश दिया न रुपए बल्कि मांगने पर ग्राम प्रधान का कहना है कि रुपए तो सब अधिकारियों मे बंट गए अब हम कहां से वापस करे जिसमे सिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही मात्र इस लिए नही हुई कि कार्यवाही होने पर बोट कम हो सकते है।