मोहर्रम वा कांवड़ यात्रा पर विवाद आईएमसी ने प्रशासन पर लगाए आरोप, ज़बरदस्ती मुस्लिमो को टारगेट किया जा रहा है

बरेली, उत्तर प्रदेश:कांवड़ यात्रा को लेकर बरेली में एक नया विवाद सामने आया हैइत्तेहादे मिल्लत काउंसिल (IMC) ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि मुस्लिम बहुल क्षेत्र जोगी नवादा में नई परंपरा के नाम पर यात्रा निकालने की कोशिश की जा रही है, जहां पहले कभी कांवड़ यात्रा नहीं निकली। IMC ने इसे धार्मिक संतुलन और सांप्रदायिक सौहार्द के खिलाफ बताया है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप की मांग की है। हालांकि इस पूरे विवाद के बीच एक अहम सवाल उठ रहा हैजब जोगी नवादा के स्थानीय मुस्लिमों को इस यात्रा से कोई आपत्ति नहीं है, तो फिर IMC को आखिर दिक्कत क्या है स्थानीय सूत्रों और प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि जोगी नवादा में न तो किसी प्रकार की आपसी रंजिश है और न ही कोई सांप्रदायिक तनाव। वर्षों से यहां गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल कायम है, जहां सभी धर्मों के लोग शांतिपूर्वक रहते आए हैं। ऐसे में IMC द्वारा लगातार विरोध दर्ज कराना और ज्ञापन देकर प्रशासन पर दबाव बनाना कई सवाल खड़े करता है।बिना अनुमति और वास्तविक आधार के आरोप IMC द्वारा लगाए गए आरोपों पर प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि यह पूरी तरह से बेबुनियाद और बिना किसी ठोस आधार के हैं। पुलिस द्वारा किसी पर भी ?फर्जी मुकदमे? दर्ज करने की बात का कोई प्रमाण नहीं मिला है। प्रशासन यह भी स्पष्ट कर चुका है कि यात्रा का मार्ग पूरी सुरक्षा और शांति व्यवस्था के अनुरूप तय किया जाएगा और किसी धर्म विशेष के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। राजनीतिक रोटियां सेकने की कोशिश स्थानीय नागरिकों और कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि IMC का यह विरोध पूरी तरह राजनीतिक मंशा से प्रेरित है। जब इलाके के लोगों को किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं है और उन्होंने प्रशासन का सहयोग किया है, तो IMC का हस्तक्षेप केवल माहौल बिगाड़ने और प्रशासन को बदनाम करने की कोशिश लगती है। गंगा-जमुनी तहजीब पर हमला बरेली जैसे शहर में जहां परंपराएं और धर्मनिरपेक्षता की मिसालें हैं, वहां इस तरह के बेबुनियाद विरोध और बयानों से सिर्फ आपसी भाईचारे को नुकसान पहुंच सकता है। जानकारों का कहना है कि इस प्रकार की बयानबाज़ी से ना सिर्फ प्रशासन के कामकाज में बाधा आती है बल्कि इसका असर आम जनता की भावनाओं पर भी पड़ता है। जहां एक ओर प्रशासन यात्रा के शांतिपूर्ण आयोजन की तैयारियों में जुटा है, वहीं दूसरी ओर IMC का यह विरोध एक राजनीतिक हथकंडा नज़र आ रहा है। अगर जोगी नवादा जैसे क्षेत्र में लोग सौहार्द बनाए रखने को तैयार हैं, तो फिर बरेली जैसे संवेदनशील शहर में इस तरह के बयान देकर माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करना किसी भी तरह से उचित नहीं कहा जा सकता। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी नई परंपरा को बिना सामूहिक सहमति और कानून के तहत अनुमति के आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। सुरक्षा और शांति सबसे पहली प्राथमिकता रहेगी।