गुरदासपुर-मुकेरियां परियोजना का अंतिम स्थान सर्वे रेलवे द्वारा स्वीकृत: रवनीत बिट्टू

गुरदासपुर-मुकेरियां परियोजना का अंतिम स्थान सर्वे रेलवे द्वारा स्वीकृत: रवनीत बिट्टू

इससे क्षेत्र की रेल कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को मिलेगी गति

रेल मंत्रालय ने 30 किलोमीटर लंबे गुरदासपुर?मुकेरियां रेल लिंक के लिए अंतिम स्थान सर्वेक्षण को मंजूरी दे दी है। इसे क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए, केंद्रीय राज्य मंत्री (रेल मंत्रालय और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग),रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि यह नई रेल लाइन क्षेत्रीय संपर्क के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और अमृतसर की ओर एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगी।

रवनीत सिंह बिट्टू ने आगे बताया कि गुरदासपुर पंजाब के माझा क्षेत्र में स्थित है, जो रावी और ब्यास नदियों के बीच स्थित है। यह एक जिला मुख्यालय है जो पाकिस्तान के साथ सीमा साझा करता है। गुरदासपुर रेलवे स्टेशन से अनाज और खाद की लोडिंग की जाती है, और औसतन हर महीने यहाँ से लगभग 5 रेक निपटाए जाते हैं। इस क्षेत्र में चिन्ना और कठनंगल नाम के दो गुड्स कैरियर टर्मिनल (GCT) भी सक्रिय हैं।

इस क्षेत्र से माल को अंबाला की ओर भेजने या वहां से लाने के लिए वर्तमान में अमृतसर और जालंधर (लगभग 140 किलोमीटर) या पठानकोट और जालंधर (लगभग 142 किलोमीटर) के रास्ते से लंबा सफर तय करना पड़ता है। कई बार रेक्स को अमृतसर स्टेशन से होकर जाते समय रिवर्स करना भी पड़ता है। इस नई रेल लाइन के निर्माण के बाद ट्रैफिक मुकेरियां (लगभग 92 किलोमीटर) के रास्ते से चलेगा, जिससे हर रेक पर लगभग 50 किलोमीटर की दूरी बचेगी और अमृतसर में रिवर्सिंग से भी छुटकारा मिलेगा।

उन्होंने यह भी बताया कि गुरदासपुर एक सीमावर्ती जिला होने के कारण यहां टिब्बर (टीबरी कैंट) में सैन्य क्षेत्र भी है, जिस कारण इस प्रस्तावित रेल लाइन से सैन्य ट्रैफिक भी संचालित किया जाएगा। इसके अलावा, धारीवाल से स्थानीय ट्रैफिक की भी संभावना है क्योंकि यह क्षेत्र ऊनी कपड़े बनाने के लिए प्रसिद्ध है।