एम्स रायबरेली में विश्व मिर्गी दिवस मनाया गया

रायबरेली।फरवरी माह के दूसरे सोमवार को प्रति वर्ष विश्व मिर्गी दिवस मनाया जाता है।अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायबरेली के तंत्रिका विज्ञान (न्यूरोलॉजी) विभाग द्वारा ओपीडी परिसर में 10 फरवरी को विश्व मिर्गी दिवस पर एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया।इस अवसर पर न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्षा प्रो.डॉ.अर्चना वर्मा ने अपने संभाषण में बताया कि वर्तमान में विश्व में सात करोड़ और भारत में लगभग 1.2 करोड लोग मिर्गी की बीमारी से ग्रसित हैं।मिर्गी मस्तिष्क से संबंधित एक विकार है।इससे डरने यो इसे अभिशाप समझने की आवश्यकता नहीं है।यह एक चिकित्सकीय रोग हैं जो मस्तिष्क में अत्यधिक और असामान्य विद्युतीय गतिविधियों के कारण से होता है।नियमित रूप से सही मात्रा में दवाएं लेने और जीवनशैली में मामूली बदलाव करने से ही लगभग 80% रोगी अपने मिर्गी के दौरों को काबू में रख सकते हैं।साथ ही डॉक्टर के पास नियमित फॉलोअप के लिए अवश्य जाएं।अपने आप न तो दवा बंद करें और ना ही उसकी मात्रा में बदलाव करें।कुछ मामलों में इसका कारण हमें पता होता है जैसे सर में लगी चोट, लकवा,मस्तिष्क का संक्रमण,मस्तिष्क की गांठ, जन्मजात दोष इत्यादि।मिर्गी के कारण लगभग 40 से 50% लोगों में न्यूरोसिस्टिसरकोसिस नामक बीमारी पाई गई है।इससे बचाव के लिए हमें फलों, सब्जियों, सलाद इत्यादि को अच्छी तरह से धोकर और यथावश्यक पका कर खाना चाहिए तथा खुले में शौच का पूर्ण बहिष्कार करना चाहिए।यह कोई छुआछूत की बीमारी नही है और न ही इसका देवी-देवता, भूत-प्रेत, जादू-टोना इत्यादि से कोई संबंध है। इस दौरान सहायक आचार्या डॉ. प्रज्ञन्या पान्डा, वरिष्ठ रेजीडेंट डॉ.सत्यशील व डॉ.भूपेश, तंत्रिका तकनीशियन सचिन, मो० शादाब,शादमा,आलोक श्रीवास्तव,अंकित दीक्षित आदि ने भी कार्यक्रम में शामिल रोगियों तथा उनके देखभाल कर्ताओं को मिर्गी के इलाज के बारे जानकारी दी तथा जागरूक किया।