सहकार भारती की सहकारी संगठनों में नवाचार, तकनीक और कुशल शासन पर विचार गोष्ठी

- सहकारिता परस्पर सहयोग व एक-दूसरे के लिए त्याग करने का आंदोलन है : संजय पाचपोर
- सहकारिता पर आधारित स्मारिका का हुआ विमोचन
श्रीगंगानगर, 15नवम्बर 2024: सहकार भारती, जिला श्रीगंगानगर इकाई द्वारा 14 नवम्बर से 20 नवम्बर तक मनाए जा रहे अंतर्राष्ट्रीय सहकार सप्ताह के उपलक्ष्य में 15 नवम्बर, शुक्रवार को ?सहकारी संगठनों में नवाचार, तकनीक और कुशल शासन? विषय पर विचार गोष्ठी आयोजित की गई। जिला मंत्री गौरीशंकर बंसल ने बताया कि जवाहरनगर तहसील भवन के समीप स्थित मुकेश ऑडिटोरियम में आयोजित इस विचार गोष्ठी के मुख्य अतिथि सहकार भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री संजय पाचपोर तथा विशिष्ट अतिथि पूर्व मंत्री स. सुरेन्द्र पाल सिंह टीटी थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सहकार भारती प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र थानवी ने की। कार्यक्रम में सहकार भारती राजस्थान के प्रदेश महामंत्री सुनील सोमानी सहित सहकारिता से जुड़े प्रबुद्ध नागरिक विशेष रूप से मौजूद रहे। अतिथियों द्वारा सहकारी ध्वज फहराया गया तथा भारत माता एवं सहकार भारती के प्रेरणा पुरुष स्व. श्री लक्ष्मण राव ईनामदार के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की गई। अध्यक्ष शिव स्वामी ने अतिथियों एवं आगंतुकों का स्वागत-अभिनंदन किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सहकार भारती प्रदेश महामंत्री सुनील सोमानी ने सहकार भारती संस्था के उद्देश्यों व क्रियाकलापों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्कार के बिना सहकारिता का कोई अर्थ नहीं है। गोष्ठी के मुख्य वक्ता संजय पाचपोर ने सहकारिता पर अपने सारगर्भित विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सहकारिता परस्पर सहयोग व एक-दूसरे के लिए त्याग करने का आंदोलन है। इससे जुड़े व्यक्ति को सुख से भी बढक़र आनंद प्राप्त होता है, जो कि हमारी संस्कृति की विशेषता है। सहकारिता से जुडक़र किसान बहुराष्ट्रीय कम्पनियों का मुकाबला कैसे कर सकता है, इसके लिए उन्होंने महाराष्ट्र के स्ट्राबेरी उत्पादकों का उदाहरण दिया।
पूर्व मंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी ने अपने सम्बोधन में कहा कि सहकारिता की भावना हमारे गांव में शुरू से ही रही है। अपनी बहन की शादी का उदाहरण देकर बताया कि कैसे उसकी शादी में आसपास के सभी गांववालों ने सहयोग कर बारातियों के लिए खाने तथा ठहरने की व्यवस्था की थी। उन्होंने गुरु पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि श्री गुरुनानक देव जी के उपदेश भी हमें मिलजुल कर रहने तथा परस्पर सहयोग के लिए प्रेरित करते हैं। आज सरकारी नियमों के कारण सहकारिता का स्वरूप बदल गया है। वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में सहकारिता में नवाचार की योजना से इसकी कमजोरियां दूर हो रही है तथा सहकारी समितियों को नया स्वरूप मिल रहा है।
प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र थानवी ने नाबार्ड की योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि सहकारी समितियों को नाबार्ड की योजनाओं से भी लाभान्वित किया जाएगा।
इस मौके पर सहकार भारती श्रीगंगानगर की सहकारिता पर आधारित विशेष रूप से प्रकाशित स्मारिका का भी अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया।
इस कार्यक्रम में जिले में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 5 ग्राम सेवा सहकारी समितियों 65 जीबी, राजपुरावाला, साधुवाली, घमुड़वाली तथा 4 ओ लखिया को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर केन्द्रीय सहकारी बैंक के एमडी संजय गर्ग, डॉ. बृजमोहन सहारण, एमआर बिस्सु, अरविन्द कुमार, एचसी भारद्वाज, गंगानगर किसान क्रय विक्रय सहकारी समिति अध्यक्ष शिवदयाल गुप्ता, रायसिंहनगर से राकेश ठोलिया, स. निर्मल सिंह, लखविन्द्र सिंह लखियां, नरेश अग्रवाल सहित सैकड़ों की संख्या में जिलेभर से सहकारिता जुड़ी संस्थाओं के पदाधिकारी व सदस्य तथा स्वयं सहायता समूह की महिलाएं व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। मंच संचालन मनीष चलाना ने किया। कार्यक्रम में समाजसेवी चन्द्रशेखर गौड़, श्रीगंगानगर केन्द्रीय सहकारी बैंक के चीफ मैनेजर विकास गर्ग तथा श्रीमती पारस कंवर का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम के अंत में सफल आयोजन के लिए जिला मंत्री गौरीशंकर बंसल ने अतिथियों सहित समस्त आगंतुकों एवं पदाधिकारियों, सदस्यों व सहयोगकर्ताओं का आभार व्यक्त किया