चकिया,: क्षेत्र सहित शहाबगंज व वनांचल के कई‌ क्षेत्रों में फैला है फर्जी पत्रकारों का एक बड़ा सिंडिकेट,जमकर कर‌ रहे अवैध वसूली, परेशान हैं जनप्रतिनिधि और अधिकारी 

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

चंदौली।एक देसी कहावत है कि "पानी वही भरता है, जहां गड्डा होता है। इस कहावत को फर्जी पत्रकारों के गैंग ने सही साबित कर दिखाया। फर्जी पत्रकारों के गैंग की वसूली को लेकर सिटी अपडेट न्यूज की न्यूज़ सीरीज में किसी भी फर्जी पत्रकार का नाम अभी तक उजागर नहीं किया गया।

लेकिन चकिया, शहाबगंज और? नौगढ़ क्षेत्र में सक्रिय कुछ "फूंकनीबाज फ़र्ज़ी पत्रकार कई दिन से नोटिस की गीदड़ भभकी दिखाते हुए चीख-चीख कर यह साबित कर रहे हैं कि "हां हमने वसूली की थी। बेशर्मी की हद यह है कि फर्जी गैंग का सरगना अपने सदस्यों को ही गुमराह कर उनके लिए मुश्किलें खड़ी करने का काम कर रहा है।ऐसी गीदड़ भभकियों और धमकियों को कतई गंभीरता से नहीं लेता है। इस पूरे प्रकरण में एक अच्छी बात यह है कि पूरा गैंग वसूली का डेली रूटीन छोड़कर सफाई देने में ही जुटा हुआ है। पहले तो उन्हें वसूली का टाइम ही नहीं मिल पा रहा है।

दूसरा यह भी डर है कि पोल खुलने के कारण कहीं कोई जागरूक नागरिक जूते-चप्पल और लाठी डंडे से ही स्वागत ना कर दे। पूरे कई? क्षेत्र भर में देखा जा रहा है। कि ऐसे कई और गैंग इन दिनों सक्रिय हो गए हैं।क्षेत्र में भी पिछले एक सप्ताह से फर्जी पत्रकारों की गतिविधियां बढ़ हुई हैं। कम से कम इसी बहाने से ही सही आम जनता को फर्जी गैंग की वसूली करने वाली टीम की जानकारी तो मिली है।

*गैंग में बाहरी और आपराधिक तत्व शामिल........*
फर्जी पत्रकारों के गैंग में देहात के भोले-भाले और सीधे-साधे लड़कों के अलावा बाहरी लोगों को भी शामिल किया गया है। ऐसी सूचनाएं भी मिल रही है कि उनका आपराधिक इतिहास भी है। अच्छी बात यह है कि पुलिस पहले से ही इन दिनों बाहरी लोगों की कुंडली निकालते हुए सत्यापन अभियान चला रही है। ऐसे में गैंग में शामिल फर्जी और बाहरी लोगों का सत्यापन होने से कई के चेहरे से नकाब हटना तय माना जा रहा है।

पत्रकारिता की छवि को धूमिल करने में इस तरह जूझे हुए हैं कि मुफ्त के पराठे, और जी हुजूरी की लत ऐसी पड़ी की जालिम छूटती ही नही। क्षेत्र में फर्जी पत्रकारों का समूह सक्रिय हो गया है, सूत्र बताते है कि कथित पत्रकार अपने पुराने ठिकाने (रैनबसेरा) पर अपनी संधिग्ध गतिविधियों को अंजाम दे रहा है।

*इसके पहले फर्जी पत्रकारों के कई विडियो हो चुके हैं वायरल*
चकिया क्षेत्र की अगर बात करें तो यहां फर्जी पत्रकारों का सिंडिकेट कई वर्षों से सक्रिय है।और लगातार तो पर? धौंस जमाकर पैसा वसूली करना इनका एक सूत्रीय कार्यक्रम है। ऐसे पत्रकारों का विवादों से? भी पुराना नाता रहा है।उनका कभी विद्यालय से संबंधित मामले में पैसे मांगने तो कभी चिकित्सकों से अभद्रता तो कभी ग्राम प्रधान से अवैध वसूली जैसे अवैध कार्य करते हुए आडियो और? विडियो भी वायरल हो चुके हैं।