हरदोई में निकाले जा रहे 9वीं मोहर्रम के जुलूस, तत्कालीन एसपी ने पुलिस लाइन से निकलने वाले 145 साल पुराने जुलूस को रोका, सीएम के पारंपरिक कार्यक्रमों को न रोकने के निर्देश को भी नहीं माना

हरदोई। बावन कस्बे में 9वीं मोहर्रम को दो जुलूस निकाले जाते है। एक भटियारों का ताजिया दूसरा हैदोसी का जुलूस निकलता है। शहीदाने-कर्बला की याद में इमामबाड़ा हमेशा की तरह सजाया गया है। जहां बड़े ताजिया की जियारत करने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे है और अकीदतमंद अपनी मुराद भी मांग रहे हैं। कल 10वीं के जुलूस के बाद बावन कस्बे में मोहर्रम के जुलूसों का समापन हो जाएगा।

हरदोई के विभिन्न क्षेत्रों में मोहर्रम के जुलूस निकाले जाते है। सुन्नी और शिया समुदाय के लोग अपने- अपने हिसाब से शहीदाने -कर्बला को याद करते है। मुख्य रूप से बावन,पाली,पिहानी, शाहाबाद, बिलग्राम, हरदोई नगर समेत विभिन्न इलाकों में मोहर्रम का जुलूस निकाला जाता है। बावन कस्बे में 10 मोहर्रम तक जुलूसों का कार्यक्रम चलता है। आज 9वीं मोहर्रम को इमामबाड़े को सजाया गया है और बड़ी संख्या में हर धर्म को मानने वाले अकीदतमंद बड़े ताजिया की जियारत करने के लिए आ रहे है। इमामबाड़ा पहुंचकर अकीदतमंद ताजिया के सामने सिन्नी चढ़ाकर मुराद मांग रहे है। बावन कस्बे में आज भटियारों का ताजिया और हैदोसी के दो जुलूस निकलेंगे। इसके बाद कल 10वीं मोहर्रम को बड़ा ताजिया का जुलूस इमामबाड़ा से निकलेगा। कर्बला जुलूस पहुंचने के बाद इमामबाड़ा आएगा फिर मजलिस के बाद जुलूसों का समापन होगा।

इस बार हरदोई पुलिस लाइन में 145 साल पुराने ताज़िए के जुलूस पर रोक लगाई गई है। जिससे शिया और सुन्नी दोनों समुदाय में रोष व्याप्त है, यह बात लोगों को देर से पता चली है। इस जुलूस को रोकने में तत्कालीन एसपी केशव चंद गोस्वामी और सीओ लाइन की भूमिका सामने आ रही है जबकि मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश है कि पारंपरिक कार्यक्रमों पर रोक न लगाई जाए और नए को बढ़ावा न दिया जाए। वाबजूद इसके हरदोई पुलिस ने इस मामले में कोताही बरती है। जिससे साबित होता है कि मुख्यमंत्री के निर्देश तत्कालीन एसपी और सीओ लाइन के लिए मायने नहीं रखते हैं।