मुस्लिम समाज को भी मुख्य धारा से जोडना अत्यंत आवश्यक:कमर सिद्दीकी

बरेली। मुस्लिम समाज को भी मुख्य धारा से जोडना अत्यंत आवश्यक है ये बात भारतीय पसमांदा मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मो कमर सिद्दीक़ी ने कही उन्होंने कहा हम सब लोग जानते हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले देश में जातीय कार्ड को राजनीति के मैदान में चल दिया गया है। लेकिन क्या केवल कथित जातीय सर्वे और बयानबाजियों से गरीब, शोषित, वंचित, पसमांदा समाज के लोगों का भला होगा। जो भी लोग इस को राजनीतिक रंग दे रहे हैं वह दशकों तक सत्ता में बने रहे हैं और उन्होंने केवल अपने परिवार के अलावा दो-चार जातियों से अलग किसी को भागीदारी नहीं दी है।भारतीय पसमांदा मंच की ओर से मैं पूछना चाहता हूं कि गरीब पिछड़ों वंचितों से बात करते समय ये लोग मुस्लिम पसमांदा समाज को क्यों भूल जाते हैं। मुसलमानों में करीब 86 प्रतिशत तक लोग पसमांदा पिछड़े समाज से आते हैं। उन्हें भी विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जाना चाहिए लेकिन हकीकत यह है कि जातीयता के राजनीतिक गुब्बारे में हवा भरने वाले दल और उनके नुमाइंदे मुस्लिम पसमांदा समाज को केवल थोक मतदाता के तौर पर देखते हैं। इन लोगों के लिए गरीब वंचित मुस्लिम केवल चुनावी जीत हार का आंकड़ा भर है।वहीं जातीय जनगणना का दम भरने वालों में से कोई यह नहीं कह रहा है कि पिछड़ा, अति पिछड़ा और पसमांदा समाज के किसी शिक्षित समझदार व्यक्ति को राजनीतिक जिम्मेदार बनाएंगे। सभी बस अपने परिवारों को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं। दरअसल यह कोरी परिवारवादी राजनीति है, इसका न देश से लेना देना है और न समाज से।जाति जनगणना का झुनझुना बजा रहे नीतीश कुमार हों या राहुल गांधी, गरीबी की चर्चा नहीं करते, जबकि इस देश में सैकड़ों जातियों में बंटे लोगों की मूलत: गरीबी ही जाति है। गिनती गरीबों की होनी चाहिए न कि जातियों की। इंडिया एलायंस (I.N.D.IA) की ओर से आ रहे बयानों से राजनीतिक लाभ के प्रति जल्दबाजी ही नजर आ रही है।