जिला सहकारी बैंक मिश्रित में नहीं मनाई गई गांधी और शास्त्री की जयंती।

सीतापुर/ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती 2 अक्टूबर के उपलक्ष्य में जहां जनपद के कस्बा मिश्रित नगर के तमाम सरकारी और अर्ध सरकारी प्रतिष्ठानों पर जोर-जोर से ध्वजारोहण करके उनकी प्रतिमाओं (चित्र)पर माल्यार्पण के साथ देश के दोनों कर्णधरों को लोगों द्वारा श्रद्धांजलि दी गई वहीं कस्बे की विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में भी हर्षोल्लास के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन संपन्न हुआ लेकिन विडम्बना है कि तहसील मुख्यालय के सन्निकट सीतापुर हरदोई मार्ग पर स्थित जिला सहकारी बैंक शाखा में तैनात शाखा प्रबंधक और अन्य कर्मचारी देश के उपरोक्त दोनों प्रणेताओं के देश के प्रति योगदान को ही भूल गए, विडम्बना की बात यह है कि आज दो अक्टूबर को जिला सहकारी बैंक शाखा मिश्रित का ताला ही नहीं खुला दोनों कर्णधारों की प्रतिमाओं (चित्र) पर माल्यार्पण /पुष्पार्पण करके श्रद्धांजलि देना तो दूर की बात। गौरतलब है कि मिश्रित तीर्थ नगर के तहसील मुख्यालय पर स्थित जिला सहकारी बैंक के शाखा प्रबंधक और उसमें नियुक्त अन्य कर्मचारियों के लिए दो अक्टूबर का राष्ट्रीय पर्व तथा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के जीवन चित्रण और देश की आजादी के प्रति उनके द्वारा किए गए योगदान का कोई महत्व ही नही है। यहां पर इस बैंक शाखा में तैनात शाखा प्रबंधक और कर्मचारियों के सामने यह मुहावरा पूरी तरह सटीक साबित होता है कि भैस के आगे बीन बजए ,और भैंस खड़ी पगुराए,क्या प्रदेश शासन और जिला प्रशासन राष्ट्रीय पर्व की उपेक्षा करने वाले जिला सहकारी बैंक मिश्रित शाखा के निरंकुश कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही अमल में लाएगा, भविष्य के गर्भ में है।