कर्मचारियों के लिए बना मुसीबत, कर्मचारियो में शुरू से इस आदेश को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई थी ।

कर्मचारियों के लिए बना मुसीबत, कर्मचारियो में शुरू से इस आदेश को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई थी ।

पेंड्रा। छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 20 अक्टूबर 2022 को एक अधिसूचना जारी की गई जिसमें अनुसूचित क्षेत्र बस्तर,सरगुजा एवम बिलासपुर सम्भाग के GPM एवम कोरबा में पदस्थ समस्त तृतीय एवम चतुर्थ वर्ग के ऐसे कर्मचारी जो जिला स्तर कैडर के है वो जिले से बाहर एवम जो सम्भाग स्तर के है वो अपने सम्भाग से बाहर न ही स्थान्तरित हो सकेंगे और न ही प्रतिनियुक्ति के लिये पात्र होंगे।

इस तुगलकी फरमान के बाद दूसरे अनुसूचित क्षेत्र के जिले और सम्भाग से अन्यत्र अनुसूचित क्षेत्र में कार्यरत दूसरे सम्भाग और जिले के कार्यरत कर्मचारियों का अपने गृह ग्राम पहुंचने का सपना चूर-चूर हो गया है।इस आदेश के पूर्व अनुसूचित क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारी अपना स्थानांतरण/प्रतिनियुक्ति अन्य अनुसूचित जिले या सम्भाग में करा सकते थे,पूर्व के आदेशो और नियम के तहत बहुत से कर्मचारियों ने घर से सैकड़ो मील दूर नौकरी चुनी ताकि भविष्य में अपने गृह क्षेत्र में स्थानांतरण/प्रतिनियुक्ति करा कर नौकरी के साथ-साथ घर की जिम्मेदारियों का भी निर्वहन कर सकेंगे।उसके उलट नया फरमान उन समस्त कर्मचारियों के बंदी बनाने जैसा है जिन्होंने पूर्व सेवा शर्तों के आधार पर परिवार से दूर रहकर नौकरी चुनी।नियुक्ति की शर्तों में नही था उल्लेख- कर्मचारियों की सेवा उनके विज्ञापन में उल्लेखित नियमो एवम नियुक्ति पत्र में वर्णित सेवा शर्तों के आधार पर चलती है,चूंकि 2022 के पूर्व से कार्यरत कर्मचारियों पर यह तुगलकी फरमान बलात रुप से थोपा जा रहा है। पति पत्नी आधार पर भी नही होगा स्थानान्तरण : इस नए फरमान के बाद अब जिले या सम्भाग कैडर के कर्मचारी पति पत्नी अगर अलग सम्भाग में पदस्थ तो सेवानिवृत्त होते तक केवल मेहमानों जैसे ही मिल पाएंगे,क्योंकि इस नियमानुसार किसी भी तरीके से स्थानांतरण या प्रतिनियुक्ति अन्य संभाग में सम्भव नही।

दिव्यांगता या गम्भीर बीमारी पर भी स्थानान्तरण नही- दिव्यांगता आधार हो या गंभीर बीमारी किसी भी परिस्थिति में स्थानान्तरण / प्रतिनियुक्ति सम्भव नही।

कर्मचारी नेताओं से बात करने पर उनका कहना था ।

कर्मचारियो में शुरू से इस आदेश को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई थी कि इसका पालन आदेश आने के दिन के बाद नियुक्त हुए कर्मचारियों के लिए होना चाहिए क्योंकि, पूर्व से सेवारत कर्मचारी ऐसी शर्तो में अन्यत्र जॉइन ही नहीं करते|पर स्वामी आत्मानंद विद्यालय में प्रतिनियुक्ति के दौरान जब बस्तर और सरगुजा सम्भाग के तृतीय/चतुर्थ कर्मचारियो का नाम कटने लगा तब पूरे मामले का खुलासा हुआ l

इस जबरिया थोपे गए नियमों के बाद अब एक अनुसूचित क्षेत्र से अन्य अनुसूचित क्षेत्र में स्थानान्तरण /प्रतिनियुक्ति सम्भव नही ,जिसके कारण विभिन्न विभागों में कार्यरत हजारों कर्मचारी प्रभावित हुए है।�यह आदेश 1947 के बंटवारे की याद दिलाता है जिसमे संभागों में परिवार और अन्यत्र कार्यरत कर्मचारी को बांट दिया गया है।