चंदौली- जनपद में कर्मनाशा और चंद्रप्रभा सिस्टम फेल, जुलाई में 15 मिमी हुई बरसात, सूखने की कगार पर है 20 हजार हेक्टेयर फसल

चंदौली जनपद में कर्मनाशा और चंद्रप्रभा सिस्टम फेल, जुलाई में 15 मिमी हुई बरसात, सूखने की कगार पर है 20 हजार हेक्टेयर फसल

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

चकिया-मानसून की बेरुखी से चकिया व शहाबगंज विकासखंड में 20000 हेक्टेयर कृषि क्षेत्र सूखे की चपेट में आ गया है। आधे से अधिक खेतों में धान की रोपाई नहीं हो सकी है। और रोपे गए खेत भी सूखने लगे हैं। नहरों में पानी नहीं आ रहा है और जुलाई माह में महज 15 मिमी की बरसात हुई है। आपको बताते चलें कि इन दोनों बाधों में केवल नाम मात्र का ही पानी रह गया है। जिससे खरीफ के सीजन में किसानों को सिंचाई के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चंदौली की लाइफलाइन कहा जाने वाला मूसाखांड बांध पूरी तरह से सूख कर टापू में तब्दील हो चुका है।

आपको बताते चलें कि चकिया और शहाबगंज विकासखंड के सिंचाई का मूसलाधार कर्मनाशा सिस्टम के नौगढ़ और मूसाखांड़ बांधों का जलस्तर सुनने होने के कगार पर है। मूसाखाड़ बाध का जल स्तर 299 फीट तक पहुंच गया है।बांध से लतीफ शाह बीयर में आज की शाम के बाद पानी नहीं छोड़ने की योजना है। नौगढ़ बांध से मूसखांड़ बांध में पानी छोड़ने का कार्य ठप्प हो चुका है। इससे लतीफशाह बीयर में जितना पानी है उसी का लाभ किसानों को मिलेगा। सिंचाई विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक लतीफशाह बीयर से हाफ गेज से लेफ्ट और राइट कर्मनाशा नहरें 4 दिन तक ही चलाई जा सकती है। चंद्रप्रभा बाद 1 सप्ताह से जल शून्य है। मुजफ्फरपुर बीयर में एकत्रित पानी ही आसपास के किसानों को मिल रहा है। नहरों और बांधों में पानी नहीं होने का मुख्य कारण जुलाई माह में बारिश कम होना है। जुलाई माह में मात्र 15 मिमी बारिश बांधों के जल ग्रहण क्षेत्र में हुई है। जिन खेतों में धान की रोपाई हो चुकी है,वहां सिंचाई के अभाव में फसल सूख रही है।

चंद्रप्रभा प्रखंड के सहायक अभियंता राकेश तिवारी ने बताया कि बरसात होने पर ही बांधों में पानी एकत्रित होगा। बरसात में होने पर विभाग कुछ भी करने की स्थिति में नहीं है।

हालांकि वहीं अगर दूसरी और देखा जाए तो चंदौली जनपद में शामिल नहीं होने से किसानों को सिंचाई करने के लिए काफी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है और सिंचाई विभाग के अफसर किसानों की परवाह किए बिना ही मौन पड़े हुए हैं। और अधिकारियों की भूमिका सरकार की मंशा को पलीता लगाने में सामने आई है। और किसान कैसे अपनी खेती करेंगे इसकी चिंता जिले के अफसरों को बिल्कुल भी नहीं है। जलकी चंदौली और बिहार के भभुआ कैमूर जिले में मूसाखांड़ बांध से किसानों की फसलों की पानी से सिंचाई होती है।